जब खेलेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया
– सियाड़ी गांव के सागर राय ने दिया खेल प्लेटफार्म
अब खेल के जगत में भविष्य बनाना होगा और भी आसान..स्कूल का होम वर्क, आधुनिक जीवन शैली और स्मार्ट फोन पर बीत रहे बचपन में खेल कहीं गुम सा हो गया था, लेकिन अब कीबी यानि कि “खेलेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया” के माध्यम से इसे फिर से पटरी पर लाया जा सकता हैं. आज के दौर में खेल का दायरा महज मनोरंजन और फिटनेस तक नहीं सीमित रहा अब इसमें सुनहरे करियर नजर आ रहे हैं. अब खेल की दुनिया में भी भविष्य बनाना आसान होगा.. हर खिलाड़ी को एक नई पहचान दिलाने की पहल जिले के सियाड़ी गांव के निवासी और कीबी स्पोर्ट के प्रोपराइटर सागर राय ने एक प्लेटफार्म तैयार किया हैं. जिससे खिलाड़ी जुड़कर अपने हुनर को और निखार सकते हैं. खेल की दुनिया में अच्छा मुकाम भी हासिल कर सकते हैं. जिससे कि खिलाड़ी अपने भविष्य में अच्छा बनने की यात्रा पूर्ण कर सकेंगे.
बात दें की कीबी स्पोर्ट के फाउंडर सागर राय खुद एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. जिन्होंने स्वीमिंग से लेकर फुटबॉल जैसे खेलों में स्टेट लेवल में स्वर्ण पदक जीता हैं और हालही में इंद्रप्रस्थ गाजियाबाद यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरा किया हैं.
सागर राय ने अपने पिता अरविंद्र कुमार राय को अपनी प्रेरणा बताया हैं.. उनका कहना हैं कि “मेरे पिता खुद एक स्पोर्ट बेकग्राउंड से आते है. जिसकी वजह से स्पोर्ट की तरफ मेरी रुचि और मेरी दिलचस्पी धीरे-धीरे बढ़ने लगी.”
“घर आजा परदेसी तेरा देश बुलाए रे” यह लाइन तो आपको याद ही होगी, सागर राय ने बताया कि आज के समय में कुछ ऐसा ही खेल की दुनिया में है. ऐसा इसलिए, क्योंकि यह बेहतर करियर का क्षेत्र बनकर उभर रहा हैं, ऊपर से केंद्र सरकार ने देश के युवा खिलाड़ियों की मदद के लिए चारों ओर से दरवाजे खोल दिए हैं. यह हाल ही में शुरु किे गए खेलो इंडिया स्कूल गेम्स कार्यक्रम और आम बजट में धन की वर्षा से स्पष्ट होता है. इसके अलावा सरकार खेल क्षेत्र में विकास को लेकर किस कदर उत्सुक है इसकी बानगी देश के खिलाड़ियों की हर उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं हैं, यानी अब खूब खेलेगा भारत और बुलंदियों के आसमान को छूएगा. अब तक गरीब और बेहतर अवसर की कमी की वजह से देश के युवा खेल क्षेत्र में करियर बनाने से डरते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
कीबी स्पोर्ट के माध्यम से हर युवाओं को वो प्लेटफार्म दिया जाएंगा, जिसकी उन्होंने सिर्फ कल्पना ही की थी.
सागर राcoms