जब दादा दादी जी ने किया अपने जवानी के दिनों को याद
जब दादा दादी जी को आये उनकी जवानी के दिन याद, पढ़िए मज़ेदार और हसीदार चुटकुले
आज कल की इतनी तनाव भरी ज़िन्दगी में हम हसना ही भूल गए हैं। हर समय काम की रहती है, न तो आराम मिलता है न अपनों के साथ बिताने के लिए वक़्त। कभी-कभी थोड़ा समय बैठकर हसना भी ज़रूरी होता है ताकि दिमाग को शान्ति मिले और अच्छा महसूस हो।
तो आइये सुनते हैं कुछ मज़ेदार चुटकुले जो आपका दिन बना दें।
एक बार एक दादा-दादी ने जवानी के दिनों को याद करने का फैसला किया…
अगले दिन दादा फूल लेकर वहीं पहुंचे जहां वो जवानी में मिला करते थे,
वहां खड़े-खड़े दादा के पैरों में दर्द हो गया
लेकिन दादी नहीं आईं,
घर जाकर दादा गुस्से से, “आईं क्यों नहीं?
दादी शर्माते हुए,’ मम्मी ने आने नहीं दिया’।
पहता दोस्त – तेरी बीवी ने तुझे घर से क्यों निकाला?
दूसरा दोस्त – तेरे ही कहने पर उसे चेन गिफ्ट किया था, इसलिए निकाला…
पहला दोस्त – चेन चांदी की थी क्या?
दूसरा दोस्त – नहीं साइकिल की।
एक सिपाही ने मौका-ए-वारदात से थानेदार को फोन किया
जनाब, यहां एक औरत ने अपने पति को गोली मार दी।
थानेदार – क्यों?
सिपाही – क्योंकि आदमी पोंछा मारे हुए फर्श पर चढ़ गया था।
थानेदार – गिरफ्तार कर लिया औरत को?
सिपाही – नहीं साहब, अभी पोंछा सूखा नहीं है।