उलझता जा रहा है पत्रकारों की जासूसी का मामला, सरकार ने पूछा सवाल, व्हाट्सएप ने दी सफाई
वॉट्सऐप के जरिए जासूसी का मामला गहरता जा रहा है। सरकार ने इस संबंध में वॉट्सऐप से जवाब मांगा था। अब कंपनी ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि जासूसी को लेकर उसने सरकार को इस साल मई में ही जानकारी दी थी। वॉट्सऐप ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘किसी भी यूज़र की गोपनीयता और सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। हमने इस साल तुरंत ही इस मसले को सुलझा लिया था और भारत और अंतरराष्ट्रीय सरकारों को इस सिलसिले में आगाह भी कर दिया था।’
वॉट्सऐप पर स्पाइवेयर के बढ़ते विवाद के बीच सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 2011 और 2013 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और जनरल वीके सिंह के खिलाफ जासूसी पर वॉट्सऐप से जवाब मांगा था। इसके अलावा भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। कथित मामले पर वॉट्सऐप से जवाब मांगा था।
वॉट्सऐप के जरिए दुनियाभर के देशों में की जा रही जासूसी की जांच कर रहे अधिकारियों ने दावा किया है कि इस साल की शुरुआत में ही हैकिंग सॉफ्टवेयर की मदद से कई देशों में सीनियर सरकारी अधिकारियों की जासूसी की जा रही थी। मैसेजिंग कंपनी की जांच से जुड़े लोगों का कहना है कि यूज़र के फोन को हैक करने के लिए Facebook Inc’s WhatsApp का प्रयोग किया गया था। जांच में पता चला है कि जिन लोगों के फोन की जासूसी की गई है, उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मेक्सिको, पाकिस्तान और भारत के लोग शामिल हैं।