इसलिए भारत हर कीमत पर खरीदना चाहता है एस 400, नहीं बचेंगे दुश्मन
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए भारत के अधिकारों का बचाव किया । अमेरिका की ओर से प्रतिबंध के खतरे के बावजूद उन्होंने कहा कि रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर भारत स्वतंत्र है । हालांकि अमेरिका ने रूस से डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर भारत से नाराजगी जताई है । ऐसे में अमेरिका को नाराज़ कर भारत S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खासियत की वजह से खरीदना चाहता है । S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम में ऐसा क्या है खास, आइए जानते हैं ।
दरअसल S-400 एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है । यह एक मोबाइल सिस्टम है । इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है । इसके अलावा इसे किसी जगह लैंड कराने में केवल 5 मिनट का वक्त लगता है । यह एक साथ तीन मिसाइलें छोड़ने में सक्षम है जो तीन लेयर की सुरक्षा देता है । इसके अलावा इसकी रेंज 400 किमी है । 30 किमी. की ऊंचाई तक भी यह मार कर सकता है ।
क्या और क्यों है रूस पर अमेरिका का प्रतिबन्ध
अमेरिका ने कैटसा (CAATSA) कानून के अंतर्गत रूस के ऊपर कुछ प्रतिबंध लगा रखे हैं । अमेरिका ने विरोधियों/ प्रतिद्वंदियों से मुकाबले के लिए CAATSA कानून को बनाया है । ऐसे ही प्रतिबंध अमेरिका ने ईरान और ऊत्तरी कोरिया पर भी लगा रखे हैं । CAATSA कानून के तहत अगर कोई देश अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित देशों के साथ रक्षा या इंटेलिजेंस से जुड़े समझौते करता है, तो ये प्रतिबंध समझौता करने वाले देश पर भी लागू हो जाएंगे । चूंकि अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, ऐसे में उससे डिफेंस सिस्टम खरीदने स भारत पर भी अमेरिका के रूस/ईरान/उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंध लागू हो जाएंगे । हालांकि भारत ने रूस से समझौते के लिए अमेरिका से इन प्रतिबंधों में छूट की मांग की थी ।
इसलिए भारत से नाराज़ है अमेरिका
बता दें कि रूस की यूक्रेन व सीरिया में सैन्य संलिप्तता और अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों के कारण अमेरिका ने 2017 कानून के तहत उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया है जो रूस से बड़े हथियार खरीदते हैं। हालांकि पिछले साल भारत ने 5.2 अरब डॉलर की पांच S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर सहमति जताई थी। रूस की तरफ से इन्हें मुहैया कराने का काम चल रहा है। रूस के साथ इस डील पर अमेरिका भारत के प्रति भी नाराजगी जाहिर कर चुका है। हालांकि मंगलवार को आए विदेश मंत्री के बयान के अनुसार भारत हर कीमत पर रूस से यह डील पूरी करने वाला है।