चुनावों की तारीख के ऐलान के बाद मोदी सरकार के बजट का क्या होगा?
नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Chief Election Commissioner Sushil Chandra) ने शनिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग (Election Commission ) केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश किए जाने में दखल नहीं देना चाहेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि बजट पेश किए जाने की वार्षिक प्रक्रिया से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर की स्थिति प्रभावित नहीं होगी.
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के दौरान चंद्रा ने कहा कि केंद्रीय बजट एक वार्षिक लेखाजोखा होता है जिसे संसद के समक्ष रखा जाता है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग केंद्रीय बजट पेश किए जाने में दखल नहीं देना चाहेगा क्योंकि यह पूरे देश के लिए होता है और यह सिर्फ इन पांच राज्यों तक सीमित नहीं होता.’’
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिये 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा, वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा और इन सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होगी.
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार कुल 690 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने है. उन्होंने कहा कि समय पर चुनाव कराना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि चुनाव कराने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से बात की गई है. चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि विधानसभा चुनाव कोरोना नियमों के साथ कराए जाएंगे. इन विधानसभा चुनावों में 18.3 करोड़ मतदाता चुनाव में भाग लेगें.