दिनेश शर्मा और आशुतोष टण्डन क्या जाएंगे संगठन में? पार्टी कार्यकर्ता लगा रहे अटकलें
कैबिनेट से बाहर होने पर तमाम चर्चाएं, पार्टी कार्यकर्ता इनके संगठन में जाने की अटकलें
लखनऊ के चार बड़े चेहरे वर्तमान सरकार से बाहर हो गए हैं। इनमें से तीन नाम ऐसे हैं जिनको लेकर पार्टी कार्यकर्ता व नेता अचम्भित हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम है उपमुख्यमंत्री रहे डॉ. दिनेश शर्मा व नगर विकासमंत्री रहे आशुतोष टण्डन का। इनके कैबिनेट से बाहर होने पर तमाम चर्चाएं चल रही हैं। पार्टी कार्यकर्ता इनके संगठन में जाने की अटकलें लगा रहे हैं।
उपमुख्य मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को इस बार योगी की नयी कैबिनेट में मौका नहीं मिल पाया है। दिनेश शर्मा पिछली सरकार में पूरे पांच वर्ष उप मुख्यमंत्री रहे। माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में उन्होंने अच्छा काम किया था। नकल माफिया की कमर तोड़ दी थी। ऐसे में लोगों को उम्मीदें थी कि नयी सरकार में उन्हें दोबारा मौका मिल सकता है। उन्हें पूर्व में ब्राहम्ण चेहरे के रूप में देखा जा रहा था। पार्टी ने विधान सभा चुनाव प्रचार में उनका भरपूर उपयोग किया था। ब्राह्मण बाहुल्य सीटों पर उनकी 150 से अधिक जनसभाएं व मीटिंग हुई थीं। इन सबके बावजूद इस बार पार्टी ने उनकी जगह लखनऊ के कैंट सीट से विधायक ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया है।
केन्द्रीय व राज्य संगठन में उन्हें प्रभावी जिम्मेदारी
पार्टी के पूर्व महानगर उपाध्यक्ष व पार्षद अनुराग मिश्रा अन्नू कहते हैं कि डॉ. दिनेश शर्मा को भले ही उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया लेकिन केन्द्रीय व राज्य संगठन में उन्हें प्रभावी जिम्मेदारी मिल सकती हैं। लोक सभा चुनाव से पहले उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान भी सौंपी जा सकती हैं। उधर दूसरी तरफ आशुतोष टण्डन को मंत्री न बनाना चौंकाने वाली बात है। जबकि पार्टी के नेता व कार्यकर्ता उनका मंत्री बनना पक्का मान रहे थे लेकिन उन्हें भी जगह नहीं मिली। पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि आशुतोष टण्डन पहले भी संगठन में थे। उन्हें भी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। लेकिन पूर्व जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह की जरुर जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं। लोक सभा चुनाव के चलते उन्हें केन्द्रीय संगठन में भी जगह मिल सकती हैं।
चुनाव से पहले ही मंत्री की रेस से बाहर
पिछली सरकार में राज्यमंत्री रहीं स्वाति सिंह इस बार चुनाव से पहले ही मंत्री की रेस से बाहर हो गयी थीं। क्योंकि बीजेपी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया था। उनके अलावा रीता बहुगुणा जोशी 2019 में सांसद होने के बाद मंत्रिमण्डल से बाहर हो गयी थी। ऐसे में इन दोनों चेहरों को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही।