ऑटोइम्यून थायरॉयड क्या है? जानें किस विटामिन की कमी से होती है यह बीमारी
ऑटोइम्यून थायरॉयड एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करती है, जिससे थायरॉयड ग्रंथि का कार्य प्रभावित होता है।
ऑटोइम्यून थायरॉयड एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करती है, जिससे थायरॉयड ग्रंथि का कार्य प्रभावित होता है। इस बीमारी के दो मुख्य प्रकार हैं: हाशिमोटो थायरॉयडाइटिस और ग्रेव्स डिजीज। विटामिन B12 की कमी इन बीमारियों से जुड़ी हो सकती है। आइए जानते हैं इन बीमारियों और विटामिन B12 के संबंध के बारे में:
हाशिमोटो थायरॉयडाइटिस
इस प्रकार में इम्यून सिस्टम थायरॉयड ग्रंथि को धीमा कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। इससे थकान, वजन बढ़ना और ठंड लगना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ग्रेव्स डिजीज
इसमें इम्यून सिस्टम थायरॉयड ग्रंथि को अत्यधिक सक्रिय कर देती है, जिससे थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप वजन कम होना, गर्मी महसूस होना और दिल की धड़कन तेज होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन B12 की कमी
एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन B12 की कमी ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग से जुड़ी हो सकती है। विटामिन B12 शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऊर्जा उत्पादन और नर्वस सिस्टम के सुचारू कार्य में मदद करता है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग था, उनमें विटामिन B12 का स्तर कम था।
विटामिन B12 बढ़ाने के उपाय
विटामिन B12 के स्तर को बनाए रखने के लिए अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल करें:
- मांस: गोमांस और चिकन
- समुद्री भोजन: मछली और झींगा
- अंडे: विशेषकर अंडे की जर्दी
शाकाहारी लोग विटामिन B12 सप्लीमेंट्स का भी उपयोग कर सकते हैं। एक अच्छी गुणवत्ता का मल्टीविटामिन सप्लीमेंट चुनें जो आपकी जरूरतों को पूरा कर सके। इन उपायों को अपनाकर आप विटामिन B12 की कमी से बच सकते हैं और अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।