किसी राज्य को विशेष दर्जा मिलने पर क्या होता है और क्या इससे आम आदमी को भी फायदा मिलता है?
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन अकेले अपने दम पर सरकार बनाने के लिए उसे पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन अकेले अपने दम पर सरकार बनाने के लिए उसे पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं। इस कारण, बीजेपी को अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी। इनमें से दो सहयोगी दल ऐसे हैं, जिन्होंने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य का दर्जा (Special Category Status) मांगने की मांग उठाई है। ये दो नेता हैं, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू।
नीतीश कुमार बिहार के लिए और चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगते रहे हैं। आइए जानते हैं कि जब किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है, तो इसका मतलब क्या होता है और इससे वहां के आम नागरिकों को क्या फायदा होता है।
कैसे मिलता है विशेष राज्य का दर्जा?
किसी पिछड़े राज्य को विशेष श्रेणी दर्जा उसके विकास दर के आधार पर दिया जाता है। जब कोई राज्य भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा होता है, तो उसे स्पेशल कैटेगरी स्टेटस देकर उसे टैक्स और कई तरह के शुल्क में विशेष छूट दी जाती है। हालांकि, संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके अनुसार किसी राज्य को विशेष श्रेणी दर्जा दिया जा सके, लेकिन 1969 में 5वें वित्त आयोग की सिफारिश पर पिछड़े राज्यों को स्पेशल कैटेगरी स्टेटस देने का प्रावधान किया गया था।
अब तक किन राज्यों को मिला है यह दर्जा?
भारत में सबसे पहले जम्मू और कश्मीर को विशेष श्रेणी दर्जा मिला था, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद उसे यह दर्जा नहीं है। इसके अलावा असम, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मिजोरम और तेलंगाना जैसे राज्यों को भी विशेष श्रेणी दर्जा प्राप्त है।
विशेष श्रेणी दर्जा मिलने के फायदे:
जब किसी राज्य को विशेष श्रेणी दर्जा प्राप्त होता है, तो उसे कई विशेष सुविधाएं मिलती हैं:
- वित्तीय सहायता: विशेष श्रेणी वाले राज्यों को केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए 90 प्रतिशत धनराशि देती है, जबकि अन्य राज्यों को यह 60 से 75 प्रतिशत तक ही मिलती है।
- कर रियायतें: विशेष श्रेणी वाले राज्यों को सीमा शुल्क, आयकर और कॉर्पोरेट टैक्स सहित कई करों में अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा रियायतें मिलती हैं।
- बजट का हिस्सा: केंद्र के सकल बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा विशेष श्रेणी वाले राज्यों को जाता है।
इस तरह, विशेष श्रेणी दर्जा मिलने से संबंधित राज्य को वित्तीय और कर संबंधी कई लाभ मिलते हैं, जिससे राज्य का विकास तेज़ी से हो सकता है और वहां के नागरिकों को भी फायदा होता है।