दिवाली पर पटाखों को लेकर राज्यों के क्या हैं दिशानिर्देश? जानिए
दीपावली के मौके पर देश के तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पटाखे जलाने को लेकर गाइडलाइंस जारी की है. ये गाइडलाइंस इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप जारी किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को देखते हुए कई जगहों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वैसे इस प्रतिबंध में केवल वही पटाखे शामिल हैं जो बेहद खतरनाक होते हैं और जिसमें बैरियम (Barium) सॉल्ट पाया जाता है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उसके इस आदेश का उल्लंधन करते हैं तो मामले को गंभीरता से लिया जाएगा. इसके लिए शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों से इस बारे में लोगों को जागरूक करने और उन्हें बताने के लिए स्थानीय प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और केबल सर्विस के जरिए लोगों को संदेश पहुंचाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को देखते हुए कई राज्यों ने पटाखे जलाने को लेकर निदानिर्देश जारी किए हैं.
दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में हरित-प्रमाणित पटाखों को मंजूरी देने को लेकर कोई चर्चा या योजना नहीं है और “पूर्ण प्रतिबंध जारी रहेगा.” उन्होंने कहा, “दिल्ली में वायु गुणवत्ता पहले से ही ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में दर्ज की जा रही है इसलिए पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना जरूरी है.” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर को पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा था कि यह “जिंदगी बचाने के लिये जरूरी” है. बाद में, 28 सितंबर को, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने एक जनवरी, 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था.
हरियाणा ने एनसीआर में आने वाले 14 जिलों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया
हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले अपने 14 जिलों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को लेकर जारी एक सरकारी आदेश के मुताबिक, ‘‘भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.’’यह आदेश राज्य के उन सभी शहरों में भी लागू होगा, जहां पिछले साल नवंबर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में रहा था.
सरकारी आदेश के मुताबिक, जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य श्रेणी में रहा था, वहां केवल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान की गयी है. दीपावली और गुरु नानक जयंती पर रात आठ बजे से 10 बजे के बीच ही पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी. छठ पर्व के दौरान सुबह छह बजे से आठ बजे के बीच पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी.
पश्चिम बंगाल में हरित पटाखे जलाने की अपील
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पालन करने की अपील करते हुए कहा कि काली पूजा और दीपावली के मौके पर सिर्फ हरित पटाखे ही जलाएं. काली पूजा और दीपावाली के अवसर पर सभी तरह के पटाखों को प्रतिबंधित करने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है. उसके दुरुपयोग को रोकने के लिए तंत्र को और मजबूत किया जाए.
असम में केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति
असम के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आदेश जारी कर ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. यहां ग्रीन पटाखों को भी निश्चित समय तक जलाने को कहा गया है. यहां दिवाली के दिन रात 8 से 10 बजे तक और छठ पूजा दिन सुबह 6 से 8 बजे तक ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं. उधर, असम पुलिस ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की गुवाहाटी स्थित तेल शोधन इकाई और कॉर्पोरेशन के पंपिंग स्टेशन तथा पाइपलाइन के पांच सौ मीटर के दायरे में पटाखे चलाने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है.
तमिलनाडु में भी केवल हरित पटाखों को मंजूरी
तमिलनाडु की सरकार ने स्पष्ट किया है कि चार नवंबर को दीपावली के दिन राज्य में केवल हरित पटाखे चलाने की मंजूरी होगी और उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार पटाखे चलाने के लिए केवल दो घंटे की समय सीमा तय की. सरकार ने नागरिकों से अपील की कि सिलसिलेवार पटाखे चलाने से बचें ‘‘जिससे काफी ध्वनि प्रदूषण’’ होता है. पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की तरफ से यहां जारी एक बयान में बताया गया, ‘‘दीपावली पर सुबह छह बजे से सात बजे तक और शाम सात बजे से आठ बजे तक केवल हरित पटाखे चलाए जा सकेंगे.’’
कर्नाटक में भी केवल हरित पटाखों को अनुमति
कर्नाटक सरकार ने दिवाली के लिए केवल हरित पटाखों की बिक्री और जलाने की अनुमति दी. साथ ही लोगों को कोविड-19 नियमों का सख्ती से अनुपालन करने का सुझाव दिया. कर्नाटक के मुख्य सचिव पी रवि कुमार के हस्ताक्षर के साथ जारी आदेश में कहा गया, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हरित पटाखों के अलावा किसी अन्य तरह के पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक होगी.’’ आदेश में कहा गया कि विक्रेता को संबंधित विभागों से जरूरी परमिट लेना होगा और प्राधिकारी केवल हरित पटाखों की बिक्री की अनुमति दे सकते हैं. हरित पटाखों की बिक्री के लिए दुकानों को केवल एक से 10 नवंबर के बीच ही खोला जा सकता है.