क्या अतीक-अशरफ मरवाये गये ?
न्यूज नशा। उत्तर प्रदेश का चर्चित माफिया और पूर्व मंत्री अतीक अहमद और उसके भाई असरफ की हत्या के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सरेआम पुलिस कस्टडी में हुई दोनों की हत्या कई सवाल भी पैदा कर चुकी हैं। कुछ लोग यह कह रहे हैं कि यह नये तरीके का एनकाउंटर है, जिसे अपराधियों से एक दूसरे अपराधी की हत्या का जामा पहनाकर अंजाम दिया गया है। इसे फर्जी एनकाउंटर भी कहा जा रहा है। अगर यह फर्जी एनकाउंटर नहीं है, तो फिर किसने करायी ये हत्या? किसने की इतनी बड़ी साजिश? क्यों रात में ही दोनों सज़ायाफ़्ता मुजरिमों को मेडिकल के लिए ले जाया गया? हालाँकि सूत्रों की मानें, तो खबर सामने आ रही हैं कि अतीक ने अपने बयान में कुछ खाकी और खादी के नामों का जिक्र किया था। और इन बयानों के बाद सवाल तो खड़े जरूर होते हैं और सवाल कुछ यूं है।
1–कौन थे वो खादी नेता, जिनका नाम अतीक ने लिया था ?
2–आखिर कौन खाकी के लोग थे जो अतीक-अशरफ के लिए काल बने ?
3– कई खादी नेताओ के घर ईडी और सीबीआई छापा डाल चुकी है?
4–कई खादी नेताओं में अधिकांश बनारस, कानपुर, गाजियाबाद गोरखपुर प्रयागराज व लखनऊ के हैं क्या इन खादी नेताओं से अतीक अहमद के परिवार को खतरा था?
खबर ये भी हैं कि एक बड़ा खादी नेताओं का जत्था जो आज सरकार के साथ है इसके साथ ही कई बड़े उद्योगपति और कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं। विपक्षी दलों के खादी नेताओं के भी नाम शामिल हैं जो माफिया आतीक अहमद उसके द्वारा लिया गया था। अब सवाल ये हैं कि कौनबंदकरनाचाहताथा अतीक का मुंह सूत्रों की मानें तो विनायक ग्रुप के संजीव अग्रवाल का नाम अतीक के बताये सफेदपोशों की सूची में सबसे ऊपर था। बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम का भी नाम लिया था। कारों के बड़े डीलर अमित भार्गव भी का भी नाम सामने आया था इस पूरी घटना के बाद एक बात तो जाहिर होती है अतीक और अशरफ की हत्या की वजह केवल उमेश पाल हत्याकांड नहीं हो सकता इसके पीछे कई राज हैं जिन्हें खुलना बाकी है अब कब तक खुलेंगे यह तो इंतजार और जांच का विषय है।