आरक्षण को लकर छिड़ी जंग, कमलनाथ ने OBC को 27% आरक्षण नहीं देने का लगाया आरोप

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सियासत में फिर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का मामला उठने लगा है. यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने उठाया है. उन्होंने ट्वीट करके सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि कांग्रेस की सरकार ने 27% आरक्षण ओबीसी के लिए कर दिया था. लेकिन सरकार बीजेपी की आई तो उसने इस आरक्षण (OBC Reservation) को आगे बढ़ाने का काम नहीं किया. यही कारण है कि अभी भी ओबीसी वर्ग इस आरक्षण से वंचित है. कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने 2019 में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया था, लेकिन शिवराज सरकार ने इसे लागू करने के कोई गंभीर प्रयास नहीं किये.

कमल नाथ ने कहा कि आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दायर की गईं, लेकिन सरकार द्वारा उचित पैरवी नहीं की जाने से बढ़ा हुआ आरक्षण अब तक लागू नहीं हो पाया. अगर सरकार सशक्त पक्ष समर्थन करें तो मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मिल जाएगा. पूर्व में 2003 में भी कांग्रेस सरकार ने यह आरक्षण लागू किया था, तब भी शिवराज सरकार की कमजोर पैरवी के कारण 10 साल तक मामला अदालत में लटका रहा और अंत में आरक्षण निरस्त हो गया. शिवराज सरकार को अपनी पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता त्यागकर, सामाजिक न्याय में सहयोग करना चाहिए.

बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को 70 साल तक गुमराह और धोखा दिया है. उनके हित और हक में कोई उपलब्धि नहीं है. मोदी सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देते हुए तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन किया. आजादी के बाद मोदी मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग को सबसे ज्यादा स्थान मिला. कांग्रेसी बताएं कि किस राज्य में उसने ओबीसी को 27% आरक्षण दिया. कांग्रेस के नेता सिर्फ भड़काने का काम करते हैं. हमारी सरकार ओबीसी के हितों में काम कर रही है. हर जगह अपना पक्ष मजबूती से रखती है. कांग्रेस के नेताओं को सिर्फ ट्विटर पर राजनीति करनी आती है. उन्हें जमीनी हकीकत नहीं पता रहती है.

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