वक्फ कानून के खिलाफ ‘असदुद्दीन ओवैसी’ का बड़ा एलान.. 30 अप्रैल को चलेगा अनोखा अभियान

हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस अधिनियम को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए 30 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी ‘लाइट बंद करो’ अभियान की घोषणा की है। ओवैसी ने लोगों से अपील की है कि वे रात 9 से 9:15 बजे तक अपने घरों और दुकानों की लाइट बंद करके इस विरोध में हिस्सा लें।

“यह अधिनियम काला कानून है” – असदुद्दीन ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम एक काला कानून है, जो संविधान द्वारा दिए गए धार्मिक और संपत्ति अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधा संदेश देते हुए कहा, “यह कानून भारत के मुसलमानों की धार्मिक आज़ादी को खत्म करने की कोशिश है, जिसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

30 अप्रैल को ‘लाइट बंद करो’ अभियान

ओवैसी ने लोगों से अपील की है कि वे 30 अप्रैल को रात 9 बजे से 9:15 बजे तक लाइट बंद करके इस अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करें। यह अभियान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी विरोध का हिस्सा है।

कलबुर्गी में हुआ था ज़ोरदार प्रदर्शन

इससे पहले 27 अप्रैल को कर्नाटक के कलबुर्गी में AIMPLB द्वारा इस अधिनियम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया था। वहां हजारों लोगों ने एकजुट होकर इस कानून को रद्द करने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का हलफनामा

25 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर अधिनियम की वैधता को सही ठहराया। सरकार का दावा है कि यह अधिनियम केवल वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन से संबंधित है और इससे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं होता। केंद्र ने यह भी आग्रह किया कि अदालत इस पर किसी भी तरह की रोक न लगाए।

कब बना कानून?

वक्फ संशोधन विधेयक 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में पारित हुआ। इसके बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के साथ यह विधेयक कानून बन गया। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में असदुद्दीन ओवैसी सहित कई लोगों ने याचिका दायर की है।

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