कड़ी सुरक्षा के बीच दूसरे चरण में बिहार विधानसभा की 94 सीटों पर मतदान कल
पटना। कोरोना महामारी के दौरान देश के पहले आम चुनाव पर सबकी निगाहें लगी हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर कोविड गाइड लाइन पर अमल करते हुए 3 नवम्बर को वोट डाले जाएंगे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अतिसंवेदनशील आठ सीटों पर सुबह सात से शाम चार बजे तक वोट डाले जाएंगे, जबकि 86 सीटों पर शाम छह बजे तक मतदान होगा।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। 15 हजार अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। 104 जगहों पर चेक पोस्ट बनाये गये हैं। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के उद्देश्य से 3 नवंबर को दूसरे चरण वाले चुनाव क्षेत्रों में धारा 144 लागू रहेगी। सुबह पांच से शाम छह बजे तक सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन और आग्नेयास्त्र लेकर चलने पर रोक रहेगी, लेकिन मतदाता निजी वाहन से मतदान के लिए जा सकेंगे पर निजी वाहन को मतदान केंद्र से 200 मीटर पहले रोकना होगा।
इस चरण के लिए 1,463 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 1316 पुरुष, 146 महिला और एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी हैं। इस चरण में कुल 2,85,50,285 लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के योग्य हैं। इनमें 15,033,034 पुरुष, 1,35,16,271 महिलाएं और 980 ट्रांसजेंडर मतदाता भी शामिल हैं। जिन जिलों में मतदान होंगे उनमें पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, नालंदा तथा पटना शामिल हैं। दूसरे चरण में महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 27 उम्मीदवार तथा दरौली विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें भाजपा के 44, जदयू के 34, राजद के 52, कांग्रेस के 22, भाकपा के 4, माकपा के 4 उम्मीदवार के अलावा रालोसपा के 33, बसपा के 31 तथा लोजपा के 44 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इन 94 विधानसभा क्षेत्रों में 41,362 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। दूसरे चरण में क्षेत्र के हिसाब से सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र पीरपैंती है, जबकि मतदाता के अनुसार सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र दीघा तथा सबसे छोटा चेरिया बरियारपुर है। इस चरण से भाजपा को खासी उम्मीदें हैं। 94 में से 46 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवार उतारे हैं।
94 सीटों में से राजद का 31, जदयू का 30 और भाजपा का 22 पर कब्जा
पिछला विधानसभा चुनाव वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो इन 94 सीटों में फिलहाल राजद के पास 31, जदयू के पास 30, भाजपा के पास 22, लोजपा के पास दो और कांग्रेस के पास 7 सीटें हैं। पिछला विधानसभा चुनाव जदयू ने राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार की तस्वीर बिल्कुल अलग है। इस बार जदयू और भाजपा दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। साथ ही एनडीए की छतरी के नीचे जीतनराम मांझी की हम पार्टी और मुकेश सहनी की वीआईपी भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी और बड़े भाई तेजप्रताप पर निगाहें
दूसरे चरण में विपक्षी महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव राघोपुर से और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव हसनपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। राघोपुर को आरजेडी और खासकर लालू यादव परिवार का गढ़ माना जाता है। ऐसे में इस सीट पर भी पूरे देश की निगाहें रहेंगी। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने इस चुनाव में अपनी सीट बदल ली है। मुहआ को छोड़ तेजप्रताप इस बार हसनपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां के सियासी और सामाजिक समीकरण आरजेडी के पक्ष में हैं लेकिन तेजप्रताप पर लोग कितना भरोसा जता पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।
छह मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
दूसरे चरण में जिन दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है, उनमें नीतीश सरकार के पांच मंत्रियों की इज्जत भी दांव पर है। इसमें पटना साहिब से सात बार से लगातार चुनाव जीतते आ रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, मधुबनी से भाजपा विधायक और सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह, नालंदा से जदयू नेता और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, मंत्री महेश्वर हजारी, मंत्री मदन सहनी और हथुआ से जदयू नेता और राज्य मंत्री रामसेवक सिंह के भाग्य का फैसला भी ईवीएम में कैद हो जाएगा।
परसा सीट पर लालू यादव के समधी चंद्रिका राय
प्रमुख उम्मीदवारों में करोड़ों के चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता लालू यादव के समधी और उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय परसा सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लालू परिवार से रिश्ते तल्ख होने के बाद इस सीट पर जदयू ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनके क्षेत्र में सभा कर चुके हैं। यहां तक कि लालू यादव की बहू ऐश्वर्या राय भी लगातार पिता के लिए प्रचार करती रही हैं।