यूपी में छठे चरण की 57 सीटों पर वोटिंग आज, CM योगी समेत इन दिग्गजों की शाख दांव पर
सलेमपुर में सबसे कम सात उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए छठे चरण की तैयारी पूरी कर ली गई है. यूपी विधानसभा चुनाव के छठे चरण में आज यानी 3 मार्च गुरुवार को 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान होगा. इसे लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर लिए गए हैं. छठवें चरण में 676 प्रत्याशी मैदान में हैं. सबसे अधिक तुलसीपुर, गोरखपुर ग्रामीण व पडरौना में 15-15 प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं सलेमपुर में सबसे कम सात उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. 11 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
यूपी चुनाव के छठवें चरण में जिन 10 जिलों में मतदान है, उनमें अंबेडकर नगर की 5, बलरामपुर की 4, सिद्धार्थनगर की 5, बस्ती की 5, संतकबीर नगर की 3, महाराजगंज की 5, गोरखपुर की 9, कुशीनगर की 7, देवरिया की 7 और बलिया की 7 सीटें शामिल हैं.
छठे चरण में 10 जिलों की इन 57 सीटों पर है मुकाबला
यूपी चुनाव के छठवें चरण के लिए जिन विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे उनमें गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, अंबेडकरनगर, बलरामपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, महराजगंज, देवरिया व बलिया शामिल हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि कटेहरी, टांडा, आलापुर (सु), जलालपुर, अकबरपुर, तुलसीपुर, गैंसड़ी, उतरौला, बलरामपुर (सु), शोहरतगढ़, कपिलवस्तु (सु), बांसी, इटवा, डुमरियागंज में मतदान होगा. इसके अलावा हरैया, कप्तानगंज, रूधौली, बस्ती सदर, महादेवा (सु), मेंहदावल, खलीलाबाद, धनघटा (सु), फरेंदा, नौतनवा, सिसवा, महराजगंज (सु), पनियरा, कैंपियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, खजनी (सु), चौरी-चौरा, बांसगांव (सु), चिल्लूपार, खड्डा, पडरौना, तमकुही राज, फाजिलनगर, कुशीनगर, हाटा, रामकोला (सु), रूद्रपुर, देवरिया, पथरदेवा, रामपुर कारखाना, भाटपार रानी, सलेमपुर (सु), बरहज, बेल्थरा रोड, रसड़ा, सिकंदरपुर, फेफना, बलिया नगर, बांसडीह और बैरिया में वोटिंग होगी.
सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर
छठवें चरण के लिए गोरखपुर सदर सीट पर भी वोट डाले जाएंगे. इस सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. योगी लगातार कई बार सांसद रहने के बाद, 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और अब पहली बार, गोरखपुर सदर से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं. इनके खिलाफ चुनाव मैदान में चंद्रशेखर हैं, जबकि समाजवादी पार्टी से सुभावती शुक्ला चुनावी मैदान में है. वहीं बसपा ने ख्वाजा शमसुद्दीन को मैदान मे उतारा है और कांग्रेस से चेतना पांडे लड़ रही हैं.
इन नेताओं की भी दांव पर है प्रतिष्ठा
छठे चरण में कई नेता ऐसे हैं जो कई सालों से अपने क्षेत्र से जीतते रहे हैं. इतना ही नहीं 2017 में बीजेपी की आंधी में भी वे अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहे. माता प्रसाद पांडे जिन्हें इटवा से सतीश चंद्र द्विवेदी ने हराया था, उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर है. इसके अलावा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार पडरौना की जगह फाजिलनगर से मैदान में हैं. इसके पहले वह दो बार 2012 व 2017 में पडरौना सीट से विधायक चुने गए. अगर फाजिलनगर सीट की बात करें तो यह सीट 2012 और 2017 में बीजेपी का कब्जा रहा है. इस बार स्वामी प्रसाद मौर्य के मैदान में उतरने से यह सीट हाई प्रोफाइल हो गई है.
ये दिग्गज भी मैदान में
सोहरतगढ़ की इटावा विधानसभा सीट भी सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी है. इस सीट से सपा के माता प्रसाद पांडेय वर्ष 2002 से 2012 तक लगातार तीन बार जीते, लेकिन वर्ष 2017 में वह हार गए. माता प्रसाद पांडेय इस बार फिर सपा से और सतीश चंद्र द्विवेदी बीजेपी से मैदान में हैं. इसके अलावा अंबेडकरनगर की तीन सीटें भी काफी महत्वपूर्ण है. कटेहरी सीट बसपा का गढ़ माना जाता है. पिछली बार इस सीट से लालजी वर्मा जीते थे, लेकिन वह इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं. इसके अलावा जलालपुर सीट से राकेश पांडे, अकबरपुर सीट से रामचल राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
बलिया में इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
बलिया जिले में भी इस बार दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही है. रसड़ा सीट पर बसपा के उमाशंकर सिंह जीत की हैट्रिक लगाने के फ़िराक में हैं. तो वहीं बांसडीह सीट से रामगोविंद चौधरी लगातार दो बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं. इस बार उनके सामने भी सीट बचाने की चुनौती है.