“त्रिपुरा में हिंसा जारी: कांग्रेस ने छात्र की मौत की न्यायिक जांच की मांग की”
"त्रिपुरा में हिंसा का दौर जारी: धलाई जिले के 19 वर्षीय कॉलेज छात्र परमेश्वर रियांग की मौत के बाद स्थिति और भड़की; कांग्रेस ने छात्र की मौत पर न्यायिक जांच की मांग की"
त्रिपुरा में हिंसा का दौर जारी: धलाई जिले के 19 वर्षीय कॉलेज छात्र परमेश्वर रियांग की मौत के बाद स्थिति और भड़की; कांग्रेस ने छात्र की मौत पर न्यायिक जांच की मांग की
आगरा – त्रिपुरा में हाल ही में बढ़ती हिंसा ने राज्य की स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया है। धलाई जिले के गंडाटविसा में 19 वर्षीय कॉलेज छात्र परमेश्वर रियांग की मौत के बाद स्थिति तेजी से बिगड़ गई है। यह घटना 7 जुलाई को हुई जब दो समूहों के बीच झड़प के दौरान रियांग की मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद से इलाके में हिंसा और अशांति का दौर जारी है, जिससे लोगों की सुरक्षा और शांति पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।
परमेश्वर रियांग की मौत के बाद हिंसा और अधिक भड़क गई है, और इसका असर स्थानीय नागरिकों और उनके जीवन पर गहरा पड़ा है। कई जगहों पर उपद्रव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हिंसा के इस माहौल में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है।
इस स्थिति को लेकर कांग्रेस पार्टी की त्रिपुरा इकाई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और राज्य में हो रही हिंसा के संदर्भ में न्यायिक जांच की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि परमेश्वर रियांग की मौत एक गंभीर मामला है और इसे उचित तरीके से जांचा जाना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके। पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार हिंसा को नियंत्रित करने में नाकाम रही है और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को सजा दिलाने में विफल रही है।
कांग्रेस की मांग के समर्थन में स्थानीय नेताओं और नागरिकों ने भी प्रदर्शन किए हैं और न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि केवल न्यायिक जांच से ही इस हिंसा के असली कारणों का पता लगाया जा सकता है और पीड़ितों को न्याय मिल सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह इस मामले की गंभीरता को समझे और त्वरित कार्रवाई करे।
राज्य प्रशासन ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया है और स्थिति को सामान्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने हिंसा के मामलों की जांच शुरू कर दी है और दोषियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।
हालांकि, राजनीतिक दलों और नागरिकों के बीच बढ़ते तनाव और हिंसा के इस माहौल ने त्रिपुरा की स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और प्रभावित लोगों को न्याय मिल सके।