पीलीभीत : स्वामित्व योजना से आजादी के बाद से पहली बार होगा ग्रामीणों के पास खुद का स्वामित्त प्रमाण पत्र
पीलीभीत : शासन की स्वामित्व योजना के तहत, अब गाँवो में बसे लोगो के घरों के डिजिटल नक्शे तैयार कर उन्हें उनका मालिकाना हक दिया जाएगा। ग्रामीणों के पास भी अब अपनी संपत्ति का ब्योरा होगा। जिसको लेकर पीलीभीत प्रशासन ने गांवों में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। जनपद में 899 गाँव चिन्हित किये गए है और अभी प्रथम चरण में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में सदर तहसील के 10 गाँव मे ये सर्वे का काम हो रहा है, जिसमे क्षेत्रीय लेखपालों के माध्यम से फार्म 5 भरा जा रहा है फ़ार्म 5 में गांव में कुल कितने परिवार है किस परिवार में कितने सदस्य है उनकी कितनी जमीन है और साथ ही घरो की नपाई भी की जा रही है , श्रेणी 6/2 में दर्ज आवादी का क्षेत्र हर गांवों में होता है उसका सही सीमांकन भी हो जाएगा।
ये पीलीभीत सदर तहसील का गाँव तकिया है जिसमे वहां की क्षेत्रीय लेखपाल लोगो से पूछताछ कर उनके परिवार में रह रहे सदस्यों का विवरण पूछ रही है और साथ ही ग्रामीणों के घरों की वाकायदा फीते के माध्यम से नपाई भी कर रही है जिससे सर्वे का काम ठीक से हो सके। आज़ादी के बाद से गॉंवों के घरों में जो लोग अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। उनके घरों का अबतक कोई रिकॉर्ड नही था और न ही उनके पास उनके घरों का प्रमाण पत्र था, अधिकतर गांव आवादी की जमीन के अंदर बसे हुए है और उन घरों का कोई अभी तक उनके पास नक्शा भी नही था। कौन सी जगह किसके नाम दर्ज है किस जमीन पर किसका मालिकाना हक है इसका भी कोई सबूत नही है। जिसको लेकर आये दिन पड़ोसियों से या बटवारे के दौरान आपस मे ही झगड़े होते रहते है। जिसका हल प्रशासन के अधिकारियों के भी पास नही था। शासन ने इन्ही सभी समस्याओं को देखते हुए स्वामित्व योजना को लागू किया है।
इस महत्वाकांक्षी योजना का काम ग्रामीण क्षेत्रों में काफी तेजी से चल रहा है जिसमे एस डी एम राजस्व की टीम और भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम के साथ-साथ ड्रोन कैमरे के माध्यम को मुख्य भूमिका में लिया गया है। जिसके बाद ये डिजिटल नक्शे तैयार किये जाएंगे। स्वामित योजना का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार किया जा रहा है। भारत सरकार को स्वामित्व योजना लागू करने के पीछे मकसद ये है कि ग्रामीणो के पास संपत्ति का व्योरा न होने के कारण ग्रामीण अपने आपको असहाय महसूस करते थे लेकिन अब वह दिन दूर नही की ग्राम पंचायतों के अंदर रहरहे लोगो पर उनकी संपत्ति के कागजात भी होंगे और समय आने पर ग्रामीण अपने घरों के कागजात या कहे सरकार द्वारा दिये जाने बाले स्वामित्व प्रमाण पर पर घरों पर बैंक से ऋण भी ले सकेंगे, स्वामित्व योजना लागू होने के बाद ग्राम पंचायतों के सभी कार्य ई-पोर्टल के माध्यम से ग्रामो को ऑनलाइन किया जाएगा। लोग अपनी संपत्ति का पूरा व्योरा ऑनलाइन देख सकेंगे इसके लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से ग्रामीणो को अपनी जमीन का स्वामित्व प्रमाण पत्र भी मिल जाएगा
पुलकित खरे डीएम पीलीभीत ने इस योजना के बारे में बताया कि शासन की स्वामित्व स्वामित्व योजना को लेकर पीलीभीत के 899 गांवों को संशोधित किया गया है इन गांवों में फार्म 5 भरने को लेकर सर्वे का काम कर रहे हैं कई जनपदों में यह कार्य संपन्न हो चुका है वहां पर ड्रोन से सर्वे का कार्य चल रहा है पीलीभीत में भी कुछ ही दिनों में ड्रोन से सर्वे कार्य शुरू होगा सबसे पहले 10 गांव जो पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिए गए हैं वहां सर्वे हो रहा है उसके बाद जो शेष गांव बचे हैं उसमें सर्वे होगा इस योजना के तहत जो गांव -गांव में झगड़े होते थे मकानों को लेकर नक्शे सही नहीं होते थे तो उनके ऊपर काम किया जाएगा जो ड्रोन से हमें कोडिनेट्स मिलेंगे उनके हिसाब से नक्शे सही ढंग से डिजिटल तरीके से बनाए जाएंगे और श्रेणी 6/2 में दर्ज आबादी का क्षेत्र होता है हर गांव में उसका सही सीमांकन हो सकेगा इसमें जो गांव में होने वाले विवाद और झगड़े हैं एक बार डिजिटल नक्शे तैयार हो जाएंगे तो उन वादों में कमी आएगी और उनका निपटारा होने में आसानी होगी प्रथम चरण में फार्म 5 भरने का काम नक्शे बनाने का काम करने और ड्रोन से सर्वे का काम होगा उसके बाद अन्य काम होंगे फार्म 5 जो कि हर रेवन्यू डिपार्टमेंट के माध्यम से हर गांव में भरा जा रहा है उसमें उस गांव के परिवार के मूलभूत आंकड़ों को एकत्रित किया जा रहा है कि परिवार में कितने सदस्य है कितने समय से लोग रह रहे हैं किसकी कितनी जमीन है उसके मूलभूत आंकड़ों को इकट्ठा किया जा रहा है