मोदी के धुर विरोधी इस महान कलाकार ने ली अंतिम सांस!
अभिनेता गिरीश कर्नाड का लंबी बीमारी से जूझने के बाद बेंगलुरु में अपने निवास स्थान पर निधन हो गया है। गिरीश कर्नाड एक बेहतरीन कलाकार थे उन्होंने कन्नड़ नाटककार, रंगकर्मी, एक्टर, निर्देशक और स्क्रीन राइटर के रूप में काम कर चुके है। गिरीश कर्नाड का 81 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की वजह मल्टीपल ऑर्गेन का फेल होना है। पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था। कर्नाड के निधन से साहित्य और सिनेमा जगत में शोक की लहर है। वे प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के धुर विरोधी रहे और समय समय पर कलाकारों के बीच मोदी विरोध का आंदोलन करते रहे।
गिरीश बॉलीवुड में आखिरी बार ‘टाइगर जिंदा है’ में अभिनेता सलमान खान के साथ नज़र आए थे। इस फिल्म में गिरीश कर्नाड की नाक पर एक ट्यूब लगी थी। फिल्म में दिखाया गया था कि वह एक बीमार RAW चीफ है। लेकिन वो असल ज़िंदगी में बीमार थे और नाक में लगी इस नली के ज़रिए उन्हें ज़रुरी दवा व खाना दिया जा रहा था।
1960 के दशक में नाटकों के लेखन से कर्नाड को लोग पहचानने लगे। कन्नड़ नाटक लेखन में गिरीश कर्नाड की वही भूमिका है जो बंगाली में बादल सरकार, मराठी में विजय तेंदुलकर और हिंदी में मोहन राकेश जैसे दिग्गज नाटककारों की है। लगभग पांच दशक से ज्यादा समय तक कर्नाड नाटकों के लिए सक्रिय रहे। कर्नाड ने अंग्रेजी के भी कई प्रतिष्ठित नाटकों का अनुवाद किया। कर्नाड के भी नाटक कई भारतीय भाषाओं में अनुदित हुए। कर्नाड ने हिंदी और कन्नड़ सिनेमा में अभिनेता, निर्देशक और स्क्रीन राइटर के तौर पर काम किया। उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण का सम्मान मिला। कर्नाड को चार फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिले।