वेंकैया ने हिमाचल विधानसभा की घटना से व्यथित होकर कही ये बात
चेन्नई, हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में हाल ही में राज्यपाल के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से व्यथित उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को सभी जन प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे हर मंच पर सभ्य और गरिमापूर्ण तरीके से अपना आचरण बनाएं रखें।
तमिलनाडु के डॉ. बी आर अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के 11 वें दीक्षांत समारोह में श्री नायडू ने कहा कि न्यायपालिका, विधायिका या कार्यपालिका में उच्च नैतिक मानकों और अनुकरणीय आचरण आदर्श का पालन होना चाहिए।
उन्होंने कहा,“ सार्वजनिक जीवन और उच्च पदों पर बैठे लोगों को उच्च मानकों को बनाए रखकर दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।”
गौरतलब है कि कल हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय के साथ कुछ कांग्रेस सदस्यों ने कथित तौर पर हाथापाई की जिसके बाद पांच कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
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उप राष्ट्रपति ने कहा,“ हिमाचल प्रदेश विधानसभा और कुछ अन्य राज्यों में हाल की घटनाओं से मैं व्यथित हूं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते हुए कहा कि वे हर मंच पर एक सभ्य और गरिमापूर्ण तरीके से आचरण करें, अन्यथा, लोगों का राजनीति से जल्द ही मोहभंग हो सकता है।”
नायडू ने कहा कि कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार से संबंधित मामले भी चिंताजनक हैं।
उप-राष्ट्रपति ने कहा, “ मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि कानून मात्र ही आवश्यक नहीं है, बल्कि सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक कौशल जरूरी है।”
नायडू ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम देश के सबसे प्रतिष्ठित न्यायविदों में से एक के नाम पर रखा गया था और भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बी आर अंबेडकर ने कहा है कि उन्होंने हमारे गणतंत्र के लिए बाबासाहेब के सपनों को वास्तव में पूरा करने के लिए हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। हमारे संविधान के उच्च आदर्शों को सच्ची भावना से लागू किया जाता है ताकि वे देश के प्रत्येक व्यक्ति तक यह पहुंच सके।
नायडू ने कहा कि भारत अपनी विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी चरण में है। उन्होंने कहा कि हम देश की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर पहुंचते हैं तो हमें अपने पिछले अनुभव को प्रतिबिंबित करने और राज्य के प्रत्येक अंग को मजबूत करने की आवश्यकता है।