महिला दिवस पर महिलाओं को दी विभिन्न सौगातें
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर यह रस्म अदायगी नहीं है, नारी उत्थान उनकी जिन्दगी का मिशन है।चौहान ने यह बात आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड पर महिला सशक्तिकरण पर आयोजित कार्यक्रम ‘नारी तू नारायणी’ में कही। उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई काम ऐसा नहीं है जो नारी न कर सके। मुख्यमंत्री ने आज महिलाओं, विशेष रूप से महिला स्व-सहायता समूह के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी। मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर सभी महिलाओं का अभिवादन किया। जनजातीय कार्य विभाग मंत्री मीना सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामखेलावन पटेल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्व-सहायता समूहों के खातों में 200 करोड़ रूपये डाले गए हैं। अब हर माह इनके खाते में 150 करोड़ रूपये डाले जाते रहेंगे। उन्होंने स्व-सहायता समूहों की प्रशंसा करते हुए कहा कि समूह ऋण का एक-एक रूपया बैंकों को वापस चुकाते हैं। अब स्व-सहायता समूहों को 4 प्रतिशत ब्याज की जगह 2 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जाएगा, बाकी ब्याज सरकार वहन करेगी। चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के मान-सम्मान बढ़ाने के प्रयास होंगे। कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं के बच्चों के लिए उमंग कार्यक्रम लागू होगा। इसमें लड़कों को लड़कियों के प्रति इज्जत देने के संस्कार दिए जाएंगे। पुरूष प्रधान मानसिकता को बदलने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा आज प्रदेश में 38 लाख लाड़ली लक्ष्मी हैं। आईआईटी, आईआईएम, डॉक्टरी, इंजीनियरिंग सहित देश-विदेश में इनकी उच्च शिक्षा की फीस सरकार वहन करेगी। सौ करोड़ रूपये की लागत से नारी सम्मान कोष स्थापित होगा। छात्राओं की कॅरियर काउंसलिंग होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन में पति के साथ पत्नी का नाम जोड़ना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि नई सम्पत्ति बहन, माँ, बेटी, पत्नी के नाम पर खरीदने पर रजिस्ट्रेशन में दो प्रतिशत की छूट दी जाएगी। आवास योजनाओं में पति-पत्नी दोनों का नाम होगा। चाबी संयुक्त रूप से दी जाएगी।
प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में वूमेन हेल्प डेस्क अलग से खोली जाएगी। संविदा कर्मी महिलाओं को भी अब 180 दिन का प्रसूति अवकाश मिलेगा। संबल योजना की लाभार्थी महिलाओं को दो बच्चों के जन्म पर प्रसव के पहले 4 हजार रूपए और जन्म के बाद 12 हजार यानी 16 हजार रूपए दिए जाएंगे ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। चौहान ने कहा कि ऐसे गाँवों को विकास के लिए 2 लाख रूपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी, जहाँ बेटे और बेटी की संख्या लगातार तीन वर्ष बराबर रहती है। सभी जिलों में महिला थाना सुनिश्चित किए जाएंगे। प्रदेश के 1600 स्वास्थ्य केन्द्र आधुनिक केन्द्र बनेंगे। प्रसूति सुविधाओं का विस्तार होगा। नगरीय निकायों में कार्यरत अस्थाई महिला सफाई कर्मियों को भी सप्ताह में एक दिन का अवकाश मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा आने वाले तीन सालों में हर गाँव के हर घर में नल-जल मिलेगा। इस साल बजट में 6 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया जाकर 26 लाख घरों में नल-जल देने का लक्ष्य है। केन्द्र सरकार से भी राशि मिलेगी। तीन वर्ष में एक करोड़ 3 लाख घरों में नल-जल सुविधा पहुँचाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों में नारी अदालत स्थापित होगी। इससे परिवारों में होने वाले छोटे-मोटे झगड़े थाने और अदालत तक न पहुँचकर घर पर ही सुलझ जाएंगे। चौहान ने कहा कि विधानसभा में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक प्रस्तुत किया गया है। डरा, धमकाकर, बहला-फुसलाकर बेटियों को बरगलाने वाले अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा मिलेगी। उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुलिस ने ऐसी 9 हजार लापता बेटियों को ढूँढ निकाला है। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने न केवल दुराचार करने वाले अपराधियों को फाँसी की सजा का प्रावधान किया बल्कि अब तक 72 ऐसे नर पिशाचों को फाँसी दी जा चुकी है। श्री चौहान ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील करते हुए कहा कि अक्सर निम्न स्तरीय अदालत से होते हुए सर्वोच्च अदालत तक पहुँचने में बहुत विलंब हो जाता है इसलिए जल्द से जल्द सुनवाई के नए दिशा-निर्देश जारी किए जाए, ताकि फैसला जल्दी हो। चौहान ने कहा कि गेहूँ और अन्य फसलों की खरीदी भी अब महिला स्व-सहायता समूह करेंगे, जिसमें उनको कमीशन मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्यान्ह भोजन में प्रयुक्त तेल, मसाले आदि की खरीदी भी महिला स्व-सहायता समूह से की जाएगी। पंचायत स्तर पर होने वाले सर्वेक्षणों में महिला स्व-सहायता समूहों को शामिल किया जाएगा। मनरेगा के तहत 50 प्रतिशत मेट महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य होंगी। अभी यह 23 प्रतिशत है। शासकीय स्कूलों के बच्चों की यूनिफार्म महिला स्व-सहायता समूह ही सिलेंगे। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकल को वोकल बनाने की बात कही है। प्रदेश में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लोकल को वोकल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने 10 महिला समूहों से जीवंत संवाद भी किया।
प्रदेश को अभियान चलाकर नशा मुक्त बनाया जाएगा। इसमें महिला स्व-सहायता समूहों की सशक्त भागीदारी होगी। पूर्ण रूप से नशा मुक्त पंचायतों को पुरस्कृत करने के साथ अलग से विकास के लिए राशि भी दी जाएगी। आत्म-रक्षा के लिए बेटियों के लिए आज से अपराजिता कार्यक्रम लागू किया गया है। इसमें प्रदेश की 23 हजार छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी।
मंच पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं की भी उपस्थिति रही। इनमें पदमश्री भूरी बाई, सीधी बस दुर्घटना में साहस का परिचय देकर कई लोगों की जान बचाने वाली सुश्री शिवरानी, डॉ. गीता रानी गुप्ता, कंचन वर्मा, द्रोपदी चौकसे, ज्योति गौर, मनीषा कीर, रेवती पटेल, अनादी, पूनम श्रोती शामिल हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने कन्या पूजन से किया। संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुश्री ठाकुर ने स्वागत भाषण और जनजातीय कार्य विभाग मंत्री सुश्री सिंह ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर स्व-सहायता समूह पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रदेश के अधिकांश जिलों के स्व-सहायता समूह वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े थे, जिनसे मुख्यमंत्री ने संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में कोई काम ऐसा नहीं है जो महिलाएँ न कर सकें। आज मेरे साथ सुबह से लेकर पूरे दिन वाहन चालन, सुरक्षा, प्रशासन, प्रचार-प्रसार सभी विधाओं में महिलाओं ने काम किया। उन्होंने इस अवसर पर अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएँ की।