यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार का ज्योतिषीय विश्लेषण:नए कैबिनेट की कुंडली में राहु का ग्रहण योग
BJP की जीत या हार पर इसका कोई असर नहीं; सारे नक्षत्र, योग और लग्न सामान्य
योगी मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार ने जातीय संतुलन साधकर चुनावी बिसात बिछाने की कोशिश की है। हालांकि, ज्योतिषों का विश्लेषण कहता है कि इससे सरकार को कोई फायदा नहीं होने वाला है। रविवार को जिस समय मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा की गई है, वह बेहद नीरस है। ग्रह, नक्षत्र, योग और लगन सब कुछ सामान्य अवस्था में है।
वाराणसी के वरिष्ठ ज्योतिषी पंडित ऋषि द्विवेदी ने नए मंत्रिमंडल की कुंडली देखकर बताया कि यह यह योग फायदा देने वाला नहीं है। नए मंत्रियों की घोषणा से सरकार को मिशन-22 में न तो कोई लाभ दिख रहा और न ही कोई नुकसान। ऐसे में चुनाव में जीत या हार से इस मंत्रिमंडल का कोई वास्ता नहीं होगा।
वाराणसी के वरिष्ठ ज्योतिषी पंडित ऋषि द्विवेदी के मुताबिक, जिस समय मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा की गई है वह बेहद नीरस है।
3 योग मिलकर रोक रहे चुनावी फल की शक्ति
पंडित द्विवेदी ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार 26 सितंबर 2021 को शाम 7 बजे पर हुआ है। इस समय रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि है। गोचर कुंडली के अनुसार, लग्नेश बृहस्पति शनि के घर में मकर राशि में विराजमान हैं। वहीं शनि मकर राशि पर स्वगृही विराजमान है। वृषभ राशि पर चंद्रमा के साथ राहु ग्रहण युग बना है। भाग्येश मंगल जो सूर्य के साथ सप्तम भाव और कन्या राशि पर बैठकर मीन लग्न को देख रहा है।
यानी जनता के केंद्र का स्वामी बुध ग्रह अष्टम में तुला राशि पर संचरण कर रहा है। सूक्ष्म दृष्टि से लोकतंत्र या जनतंत्र का कारक ग्रह शनि देव आकाश मेंडल में वक्री चल रहे हैं। जो 10 अक्टूबर को मार्गी होंगे या सीधे चलेंगे। सब मिलाकर फल की बात करें तो जनता के केंद्र का स्वामी बुद्ध योग, अष्टम भाव में जनता के कुर्सी का स्वामी चंद्रमा के साथ राहु का ग्रहण योग आज बन रहा है। ये तीनों कुयोग हैं जो कि यह दर्शाता है कि विस्तार सामान्य रहेगा या इसका कोई असर आपके फल पर नहीं होगा।