योगी सरकार की कानून व्यवस्था: बदमाशों ने भाजपा पार्षद की चाची की चेन लूटी, PM Modi के क्षेत्र वाराणसी..

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। हैरानी की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही भाजपा पार्षद की चाची से दिनदहाड़े चेन लूट ली गई। वारदात के बाद पुलिसिया कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है।
घर के बाहर महिला से छीनी चेन, सड़क पर धकेला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह वारदात वाराणसी के चितईपुर थाना क्षेत्र के महामनापुरी कॉलोनी (नासिरपुर) में हुई। यहां के भाजपा पार्षद श्यामभूषण शर्मा की चाची ब्रजबाला जब अपने घर के बाहर थीं, तभी बाइक सवार बदमाशों ने झपट्टा मारकर उनकी चेन छीन ली। विरोध करने पर बदमाशों ने उन्हें धक्का दे दिया, जिससे वह सड़क पर गिरकर घायल हो गईं।
घटना के बाद पीड़ित के परिजन और भाजपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।
पीड़ित परिवार ने पुलिस पर उठाए सवाल
ब्रजबाला के पति ब्रज भूषण शर्मा ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि “चितईपुर थाने की महिला थाना प्रभारी समय पर फोन नहीं उठातीं, पुलिसकर्मी गंभीरता नहीं दिखाते।” उन्होंने बताया कि छीनी गई चेन की कीमत करीब एक लाख रुपये थी।
स्थानीय लोगों ने इस घटना को लेकर नाराजगी जताई और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एसीपी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
वारदात की सूचना मिलते ही भेलूपुर एसीपी ईशान सोनी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के आदेश दिए।
चितईपुर थानाध्यक्ष निकिता सिंह ने बताया कि भाजपा पार्षद की तहरीर के आधार पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की एक टीम बदमाशों की तलाश में लगाई गई है और जल्द खुलासे का दावा किया जा रहा है।
सवालों के घेरे में योगी सरकार के दावे
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में इस तरह की वारदात ने न सिर्फ कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि योगी सरकार के सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आम जनता ही नहीं, अब सत्ताधारी पार्टी से जुड़े लोगों के परिजन भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं।
क्या वाराणसी जैसे वीवीआईपी क्षेत्र में भी बदमाश बेलगाम हो चुके हैं? क्या योगी सरकार के “जूनून से अपराध खत्म करने” के दावे अब खोखले साबित हो रहे हैं?