जल्द होगा बच्चों का वैक्सीनेशन, फिलहाल तारीख तय नहीं
लखनऊ. भारत (India) में भी जल्द ही बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने इस बात के संकेत दिए हैं. लखनऊ में किंग्स जॉर्ज मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी (KGMU) में शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम दुनिया के अन्य देशों में बच्चों के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की प्रगति पर नजर बनाए हुए हैं. ICMR निदेशक ने कहा कि कुछ देशों में 15 से 18 वर्ष की आयु वर्ग वाले बच्चों का कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है और हम उनके टीकाकरण कार्यक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. हम जानते हैं कि भारत में 62 फीसदी बच्चे कोविड-19 से सुरक्षित हैं क्योंकि उनमें वायरस के विरुद्ध इम्युनिटी देखी गई है.
भारत में बच्चों के कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत को लेकर कोई विशेष तारीख नहीं बता सकते हैं. डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि, टेक्नीकल कमेटी और सबजेक्ट एक्सपर्ट्स के पास बच्चों में टीकाकरण को लेकर हुई स्टडी के परिणाम हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मंत्र हर्ड इम्युनिटी नहीं था बल्कि टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट था. वैक्सीन निर्माण से जुड़े अनुभव को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि, हम वैक्सीन की डिलीवरी को लेकर आश्वस्त थे और हमने मृत वायरस से वैक्सीन बनाने के गोल्डन रूल को अपनाया. वैक्सीन को लेकर भारत ने इतिहास रचा है और 110 देशों समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्सीन (Covaxin) को अप्रूव किया है.
‘80% लोगों को वैक्सीन का पहला डोज मिला’
कोविड वैक्सीन के बूस्टर डोज से जुड़े सवाल पर ICMR के निदेशक ने कहा कि, वैक्सीन के दोनों डोज 98% तक इम्युनिटी प्रदान करते हैं. हमारा लक्ष्य है कि सभी योग्य लोगों को वैक्सीन मिले और अब तक 80 फीसदी लोगों को वैक्सीन का पहला डोज मिल चुका है. लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर की ओर से आयोजित वार्षिक अनुसंधान प्रदर्शनी आयोजित की गई थी. इस कार्यक्रम में कोविड महामारी को लेकर KGMU की फैकल्टी और स्टूडेंट्स की रिसर्च व योगदान के बारे में चर्चा की गई.
‘Going Viral, the Inside Story of Covaxin’ पर ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने पहली स्वदेशी वैक्सीन के ट्रायल और उसके निर्माण में जुड़ी समस्याओं के विषय पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि कैसे दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत ने तेजी से बड़े पैमाने पर टीकाकरण किया. देश में 40 फीसदी वयस्क आबादी का पूरी तरह से वैक्सीनेशन हो गया है और 80 फीसदी लोगों को वैक्सीन का पहला डोज मिल चुका है. लेकिन इस प्रक्रिया में हमने हमारे 23 बहादुर लोगों को खो दिया.v