मैनपुरी से कौन लड़ेगा चुनाव, इन नामों पर अखिलेश कर रहे है विचार!

सपा की लोकसभा में मौजूदगी के लिए एक दमदार चेहरे की जरूरत है. ऐसे में अखिलेश यादव के पास विकल्प है कि वह अपनी पत्नी डिपंल यादव को उपचुनाव में सामने लाए. दूसरी तरफ

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह के निधन के बाद लोकसभा में सैफई के यादव परिवार का नाम मिट गया है. काफी समय बाद ऐसा मौका आया है, जब मुलायम सिंह यादव के परिवार से लोकसभा का सदस्य नहीं है. अब सवाल है कि समाजवादी पार्टी की धाक को लोकसभा में बनाए रखने के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) किसको मैनपुरी (Mainpuri) से उपचुनाव में मैदान में उतार सकते हैं. वैसे मुलायम सिंह के लोकसभा में रहने पर समाजवादी पार्टी की दिल्ली की राजनीति में अलग पहचान थी.

दिल्ली की राजनीति में सपा की धाक को बनाए रखने के लिए और सपा की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाने के लिए अखिलेश किस पर दावं लगायेंगे. क्या अखिलेश यादव इसके लिए खुद सामने आयेंगे या फिर अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारेंगे, इस पर सभी की नजरें जरूर रहेंगी. इस समय लोकसभा (Lok Sabha) में सपा के दो सदस्य हैं, दोनों सदस्य मुसलमान हैं. वहीं राज्यसभा (Rajya Sabha) में 3 सांसद हैं. जिस सपा पार्टी का सबसे बड़ा वोट बैंक यादव परिवार माना जाता है, वहीं पार्टी लोकसभा में यादव विहीन हो गई है.

 

मुलायम सिंह के निधन के बाद अखिलेश (Akhilesh Yadav) के पास एक विकल्प यह है कि लोकसभा में सपा की मजबूत स्थिति बनाए रखने के लिए वह खुद दिल्ली का रुख कर सकते हैं. हालांकि इसके पीछे एक पेंच फंस रहा है. दरअसल में उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2022 के चुनाव के दौरान बीजेपी को चुनौती देने के लिए अखिलेश ने खुद पार्टी की बागडोर संभाली थी. 2022 का विधानसभा चुनाव अखिलेश ने करहल सीट से लड़ा और जीत भी दर्ज की. विधानसभा में अखिलेश यादव सपा की बात मजबूती के साथ रखते हैं.

सपा की लोकसभा में मौजूदगी के लिए एक दमदार चेहरे की जरूरत है. ऐसे में अखिलेश यादव के पास विकल्प है कि वह अपनी पत्नी डिपंल यादव को उपचुनाव में सामने लाए. दूसरी तरफ अगर चाचा भतीजे के बीच रिश्तों की दरार खत्म हो जाए, तो शिवपाल सिंह यादव भी अखिलेश के लिए अच्छे विकल्प के तौर पर साबित हो सकते हैं. राजनीति में शिवपाल यादव एक ऐसा चेहरा हैं, जो मुलायम सिंह की तरह सभी दलों के साथ संबंध रखते हैं. इसके अलावा अखिलेश यादव के पास धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव जैसा भी चेहरा है, लेकिन इससे लोकसभा में सपा की उपस्थिति दमदार नहीं बन पायेगी.

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