अखिलेश शिवपाल के बीच फिर हुआ घमासान , फिर बढ़ी दूरियां!
यूपी विधानसभा में सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर एक बार फिर चाचा-भतीजा आमने-सामने हैं. पहले प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष
यूपी विधानसभा में सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर एक बार फिर चाचा-भतीजा आमने-सामने हैं. पहले प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपनी सीट पर करने की मांग की थी तो अब भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह मांग की है कि शिवपाल यादव को अलग सीट दी जाए क्योंकि वह प्रसपा के अध्यक्ष हैं, हालांकि तकनीकी रूप से शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले चाचा-भतीजे एक हुए लेकिन नतीजे ऐसे आए कि दोनों ने फिर अलग राह पकड़ ली. एक दूसरे से नाराजगी इतनी बढ़ी कि कई मौकों पर पत्र लिखकर एक दूसरे पर हमला कर चुके हैं. अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष के नाम पत्र में मांग की है कि शिवपाल यादव को विधानसभा में दूसरी पंक्ति के बजाय अगली पंक्ति में बैठने के लिए सीट दी जाए क्योंकि वह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं. इससे पहले मई महीने में खुद शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था. जब अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को वरिष्ठता के हिसाब से पहली पंक्ति की बजाय दूसरी पंक्ति में सीट अलॉट कर दी थी लेकिन तब शिवपाल यादव की ये मांग इसलिए अस्वीकार कर दी गई थी क्योंकि वह तकनीकी रूप से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं.
चाचा से इसलिए दूर बैठना चाहते हैं अखिलेश
पिछले सत्र में शिवपाल यादव सपा विधायकों के बीच बैठकर सरकार की तारीफ कर रहे थे और पार्टी के मुखिया के साथ-साथ विधायकों के लिए भी विधानसभा में असहज स्थिति उत्पन्न हो गई थी और इस बार सत्र शुरू होने से पहले सपा ऐसी किसी भी स्थिति से बचना चाहती है. हालांकि अखिलेश जो आधार बता रहे हैं उसके आधार पर सीट मिलना संभव नहीं है क्योंकि शिवपाल यादव सपा विधायक हैं और ऐसे में यह तभी संभव है जब सपा यह लिखकर दे कि पार्टी के किसी सीनियर नेता जिन्हें आगे की सीट मिली है, उनकी सीट को शिवपाल यादव से बदला जाए.