क्या मायावती जाएंगी अखिलेश के साथ ?
मायावती ने सपा के पैदल मार्च के समर्थन और उसे रोकने पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,
उत्तर प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र (UP Monsoon Session) चल रहा है. वहीं सोमवार को सत्र के पहले दिन ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला था. मार्च को लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) ने रोक दिया था, जिसके बाद बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है.
मायावती ने सपा के पैदल मार्च के समर्थन और उसे रोकने पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता और जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना बीजेपी सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है. साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी और विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक.”
सपा के उठाए मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेरा
वहीं मायावती ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए लिखा, “महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले बीजेपी जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है.”
इससे पहले भी सोमवार सपा द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर ही बीएसपी चीफ ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, “यूपी विधानसभा मानसून सत्र से पहले बीजेपी का दावा कि प्रतिपक्ष यहाँ बेरोजगार है, यह इनकी अहंकारी सोच व गैर-जिम्मेदाराना रवैये को उजागर करता है. सरकार की सोच जनहित व जनकल्याण के प्रति ईमानदारी और वफादारी साबित करने की होनी चाहिए, न कि प्रतिपक्ष के विरुद्ध द्वेषपूर्ण रवैये की.”
वहीं मायावती ने कहा, “यूपी सरकार अगर प्रदेश के समुचित विकास व जनहित के प्रति चिन्तित व गंभीर होती तो उनका यह विपक्ष-विरोधी बयान नहीं आता, बल्कि वे बताते कि जबर्दस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गड्डायुक्त सड़क, बदतर शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था में नजर आने वाला सुधार किया है व पलायन भी रोका है.”