उत्तरकाशी : गंगोत्री धाम में गंगा में जमा आरवीएम बना खतरा
उत्तरकाशी। भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अबल सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिलकर गंगोत्री में नदी में जमे अवसाद यानी (आरबीएम) को तत्काल हटवाने की मांग की है।
दरअसल, गंगोत्री में नमामि गंगे योजना के तहत 16 करोड़ की लागत से आधुनिक घाट व सुरक्षा व सुरक्षा कार्य होने हैं। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बिष्ट ने कहा कि गंगोत्री में सौंदर्यीकरण के कार्य, सुरक्षा कार्य व घाट निर्माण से पहले भागीरथी नदी में जमा अवसाद को हटाने की जरूरत है।
गौरतलब है कि गंगोत्री में नदी में बेड लेबल से कई मीटर तक आरबीएमजमा हो रखा है। इसके कारण नदी अपने मूल से कई मीटर ऊपर बह रही है, जिससे गंगोत्री मंदिर के साथ साथ आवादी वाले हिस्से को गंभीर खतरा बना हुआ है। अभी हाल में भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अबल सिंह बिष्ट ने शासन के उच्च अधिकारियों व प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ चिनन्यालीसौड़ से लेकर उत्तरकाशी, भटवाड़ी ,हर्षिल व गंगोत्री तक का निरीक्षण कर एक सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंपी है।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अबल सिंह बिष्ट ने कहा कि गंगोत्री के साथ साथ उत्तरकाशी शहर को भी नदी में जमे लाखों टन रोड़ी बजरी व पत्थरों से खतरा है। लंबे समय से गंगा नदी अपने बेड लेबल से कई ऊपर बह रही है। इसलिए गंगोत्री के साथ साथ उत्तरकाशी में भी नदी में जमा मलबा व अवसाद को तत्काल हटाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते यह आर वीएम नहीं ऊठाया गया तो गंगोत्री से लेकर उत्तरकाशी तक आपदा का भारी खतरा है।
गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने बताते हैं कि गंगा का उद्गम स्थल गौमुख मैं लंबे समय से ग्लेशियर के टूटना एवं उसके आसपास भारी भूस्खलन होने से गंगा भागीरथी में भारी गाद आरवीएम आ रहा है जिससे गंगा का वाटर लेवल दो से तीन मीटर ऊंचा उठा रहा है।