उत्तराखंड त्रासदी: लखीमपुर खीरी जिले के इतने मजदूर लापता, परिवार में मचा कोहराम
लखीमपुर खीरी. उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से आई भीषण तबाही में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के 15 मजदूर भी लापता हैं. त्रासदी की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. जिस वक्त तबाही आई उस वक्त तपोवन के पॉवर प्रोजेक्ट में काम कर रहे कई मजदूर टनल में फंस गए. इनमें निघासन तहसील क्षेत्र के गांव बाबू पुरवा, भेरमपुर, मांझा व कड़िया के 15 युवक भी शामिल हैं जो पावर प्रोजेक्ट में काम करने के लिए गये थे. हादसे के बाद से परिजनों का उनसे कोई भी संपर्क नहीं हो पा रहा है. परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. सभी का रो-रोकर बुरा हाल हैं.
त्रासदी में बचे एक मजदूर ने यह जानकारी अपने घरवालों को दी और कहा कि वह तो बच गया लेकिन उसके साथ काम करे रहे 15 साथी या तो सैलाब में बह गए या फिर टनल में फंसे हैं. इसकी सूचना जैसे ही लापता मजदूरों के परिजनों को हुई तो उन्होंने फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी से बात नहीं हो पाई.
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बताते चलें कि निघासन तहसील क्षेत्र के इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित गांव बाबू पुरवा, भेरमपुर, मांझा और गांव कड़िया हैं. बाबूपुरवा गांव के पांच युवक हीरालाल, सूरज, अर्जुन, विमलेश, धर्मेंद और अरुण अभी तक लापता हैं, जिनकी कोई सूचना नहीं मिल पाई हैं. 10 युवक भेरमपुर व मांझा गांव के भी हैं जिनसे परिजनों का संपर्क नही हो पा रहा हैं.
अब तक 15 शव निकले
इन सभी के साथ गये एक युवक विमल ग्लेशियर फटने से आई तबाही के दौरान जिंदा बच गया. उसने अपने परिजनों को फोन से जानकारी दी कि सभी साथी पानी के तेज बहाव में डूबकर लापता हो गये हैं. यह सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई. पूरे गांव में मातम छाया हुआ हैं. गौरतलब है कि इस त्रासदी में 155 लोगों के मारे जाने की आशंका है. अभी तक 15 शव निकाले जा चुके हैं.