आत्मनिर्भर भारत बनाने में उत्तराखंड सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों को 238 करोड़ का किया डिजिटल हस्तांतरण
उत्तराखंड सरकार आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत उत्तराखंड सरकार इस योजना को गांव-गांव तक ले जाना चाहती है ताकि हर कोई आत्मनिर्भर बन सकें। आज जहां भारत को खुद के उपकरण बनाने को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो वहीं उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड के गांव-गांव तक आत्मनिर्भर भारत योजना को ले जा रही है।
आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में उत्तराखंड में पंचायतों की भूमिका उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा प्रदेश के समस्त त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ इस संवाद किया जाएगा। यह संवाद 13 जुलाई यानी सोमवार 11:30 बजे शुरू हो जाएगा। बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन आईसीटी वर्चुअल लैब देहरादून में किया जा रहा है।
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने त्रिस्तरीय पंचायतों को 238.38 करोड़ की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया था। जिसमें उन्होंने 15वें वित्त आयोग से मिली 143.50 करोड़ और राज्य वित्त आयोग की 94.88 करोड़ की राशि शामिल की है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में इस पर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था जिसमें उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायतों को यह बड़ी राशि हस्तांतरण की थी।
उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम के जरिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत पंचायतों के लिए 15वें वित्त व राज्य वित्त आयोग से संस्तुत अनुदान को ऑनलाइन एक हस्तांतरित करने की शुरुआत भी की गई थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि डिजिटल इंडिया का मकसद सरकारी सेवाओं को उन्नत बनाना, सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन पहुंचाना और ई गवर्नेंस को बढ़ावा देना है। इससे जहां कार्यों में पारदर्शिता आएगी वही पंचायतों में विकास कार्यों में तेजी आने के साथ ही उनकी प्रगति आदि की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि पंचायतों को एक साथ धनराशि के हस्तांतरण से पंचायतों में विकास योजनाओं में तेजी आएगी। साथ ही कोरोनावायस महामारी से बचाव के दृष्टिगत आवश्यक उपाय और प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन की व्यवस्था, सामुदायिक भवनों की स्वच्छता, विद्युत पेयजल, सैनिटाइजेशन जैसे कार्यों को पूरा करने में मदद मिल सकेगी। उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में बताया गया था कि 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि का उपयोग स्थान विशिष्ट जरूरतों के लिए किया जा सकता है। राज्य वित्त की राशि से निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय का भुगतान और अवशेष राशि से 20 फ़ीसदी का उपयोग कोरोना से बचाव समेत अन्य कार्यों में किया जाएगा।
पंचायतों में होने वाले कार्य
जलापूर्ति, सीवरेज एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल निकासी व स्वच्छता, सामुदायिक परिसंपत्तियों का रखरखाव, स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण व अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, सामुदायिक भवन निर्माण आदि शामिल है।