उत्तराखंड सरकार की इन योजनाओं से मिलेगी प्रवासियों और बेरोजगारों को नौकरियां…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। देश में खुद की बनाई वस्तुएं और उपकरण इस्तेमाल किए जाएं इसके लिए मोदी सरकार हर मुमकिन प्रयास कर रही है। वही देश में आज कोरोनावायरस जैसी महामारी ने सब कुछ बदल दिया है। आज देश इस घातक बीमारी से जूझ रहा है। इस घातक वायरस को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया। लेकिन इस लॉकडाउन से प्रवासी मजदूर काफी परेशान हो गए। यह मजदूर शहरों से अपने अपने गांव लौटने लगे। वहीं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश,बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में प्रवासी मजदूर ज्यादा लौट रहे हैं। ऐसे में इन सभी राज्यों के लिए एक बड़ा चैलेंज आ गया की जो मजदूर दूसरे राज्य में जाकर मजदूरी कर रहे हैं उन्हें अपने ही राज्य में कैसे नौकरी दी जाए। ऐसे में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना चलाई गई।
कोरोनावायरस महामारी के दौरान अपने गांव को लौटे प्रवासियों एवं स्थानीय बेरोजगारों के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा कई संचालित योजनाएं चलाई गई इनमें सबसे पहले मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना है। आइए आपको बताते हैं कि उत्तराखंड सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों को बेरोजगार होने से बचाने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई हैं जिससे इस घातक महामारी के दौर में और जहां लोगों के रोजगार गए हैं उनकी मदद की जा सके।
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
- प्रत्येक विकासखंड में की स्थापना
- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना
- युवाओं को रोजगार के लिए पोर्टल
- उद्योग हेतु MSME योजना
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार द्वारा चलाई गई यह सभी योजना में सरकार बहुत काम कर रही है। इन योजनाओं के तहत उन जरूरतमंदों की मदद की जा रही है जिनकी नौकरियां कोरोनावायरस महामारी के कारण चली गई। इन सभी में सबसे ज्यादा वह प्रवासी मजदूर हैं जो दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने यह योजनाएं बनाई और प्रवासी मजदूरों और स्थानीय बेरोजगारों के लिए नौकरी का एक साधन ढूंढा। यह उन सभी लोगों के लिए एक बड़ा मौका है जिन लोगों ने इस महामारी के दौर में अपनी नौकरियां गवां दी है।
उत्तराखंड में जब प्रवासी मजदूर वापस अपने प्रदेश लौटने लगे तो उत्तराखंड सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों को अपने ही प्रदेश में रोकने के लिए यह योजनाएं चलाएं हैं ताकि प्रदेश के लोग अपने ही प्रदेश में जीविका तलाश सके। इससे प्रदेश में विकास भी बढ़ेगा और उन जरूरतमंदों कि मदद भी हो सकेगी जो आज महामारी के कारण लाचार हैं।