उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, किया आपने परीक्षा में नकल तो होगी उम्रकैद की सजा
परिश्रमी युवाओं के साथ सरकार अन्याय नहीं होने देगी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
देहरादून। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले की अब खैर नहीं होगी। प्रदेश की धामी सरकार ने नकल माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने प्रदेश में शीघ्र सख्त नकल विरोधी कानून बनाए जाने का निर्णय लिया है। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी को उम्र कैद की सजा के साथ ही अर्जित संपत्ति को जब्त करने की व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश के क्रम में शुक्रवार को एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। राज्य मंत्रिमंडल में प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रदेश में शीघ्र सख्त नकल विरोधी कानून बनाने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। लगातार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच करने वाली एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएं स्वच्छ और पारदर्शी हो। अब भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके। नकल विरोधी कानून के प्राविधानों से यह व्यवस्था बन जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का मनोबल बनाए रखने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। राज्य सरकार की ओर से अब यह भी व्यवस्था बनाई गई है कि लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की ओर से भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अभिसूचना इकाई को भी सक्रिय किया जाएगा, ताकि इन परीक्षाओं की कड़ी निगरानी हो सके।
उन्होंने कहा कि नकल माफियाओं के लगातार सक्रिय रूप से तैनात होने और परीक्षा पेपर को लीक आउट कराये जाने से परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी, जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग हरिद्वार और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग देहरादून की ओर से भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं से पूर्व अभिसूचना इकाई को सक्रियता से तैनात किया जाए, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो पाये।