सरकारी स्कूलों को शानदार मॉडल स्कूलों में तब्दील करेगी उत्तराखंड सरकार, ये रहा प्लान
उच्च शिक्षा के लिए मशहूर उत्तराखंड में अब त्रिवेंद्र सरकार की नजर उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने पर हैं। जिसके लिए त्रिवेंद्र सरकार हर जिले में 20-20 स्कूलों को मॉडल स्कूल के तौर पर विकसित करने जा रही है। इसके तहत त्रिवेंद्र सरकार प्राइवेट स्कूल की तरह सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराएगी। राज्य सरकार ने हर जिले के पहली से पांचवी तक के 10 बेसिक स्कूल और छठी से 12वीं तक के दस माध्यमिक स्कूल चिह्नित करने का आदेश भी दे दिया है। सरकार ने इसके लिए मानक भी तय किए है। जैसे मॉडल स्कूल के लिए चुना जाने वाला स्कूल सड़क के करीब हो और इनमें छात्र संख्या अधिक होनी चाहिए। स्कूल का बीते दो साल यानि 2018 और 19 का हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का बोर्ड रिजल्ट बेहतर होना चाहिए।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में सरकारी और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों की संख्या 3746 है। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो स्कूल तो बहुत ज्यादा हैं लेकिन उनमें संसाधनों की कमी है या जो संसाधन है उनके हाल बेहाल हैं। स्कूलों की हालत, बिजली, पानी, इंटरनेट, लाइब्रेरी, लैब जैसी बुनियादी सुविधाएं इस समय स्कूलों में नहीं हैं। सिर्फ इतना ही नहीं सुविधाओं के अलावा टीचर्स और कर्मचारियों की भी काफी किल्लत है। इस पर सरकार का कहना है कि अगर हर जिले में कुछ स्कूलों को 100% संसाधन और शिक्षकों से लैस कर दिया जाए तो इससे सरकारी स्कूलों की हालत में सुधार होगा। क्य़ोंकि ये स्कूल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरह काम कर सकते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले की कांग्रेस सरकार में सीएम हरीश रावत ने भी मॉडल स्कूल का प्रयोग शुरू किया था, लेकिन नतीजा खराब रहा। न तो शिक्षकों की पूर्ति हो पाई और न ही संसाधन मुहैया हो सके। सरकारी स्कूलों की हालत जस के तस बनी रही। ऐसे में त्रिवेंद्र सरकार का इस ओर ध्यान देना सरकारी स्कूलों की कायापलट देने के समान होगा। जहां न केवल हर वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी बल्कि उन्हें वो संसाधन भी मिलेंगे जो अब तक निजी स्कूलों में ही उपलब्ध होते थे।
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