अखिलेश के इस करीबी नेता की जमानत याचिका हुई ख़ारिज , जानें पूरा मामला!

अपने हलफनामे में हाईकोर्ट को बताया था कि बालकुमार पटेल के खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है, उसकी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है. बाद में एतराज होने पर

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता और पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल (Bal Kumar Patel) को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बाल कुमार पटेल को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. अपने समय के चर्चित डकैत रहे ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल की अग्रिम जमानत की अर्जी को हाईकोर्ट ने शनिवार को सुनवाई की. सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच में हुई. जस्टिस गोपाल की बेंच ने सुनवाई के बाद पूर्व सांसद को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. दरअसल, ये मामला बांदा जिले से जुड़ा हुआ है. इस मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार सपा नेता पर 65 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है.

कब दर्ज हुआ था केस

सपा नेता बाल कुमार पटेल में बांदा जिले में ये धोखाधड़ी का मुकदमा साल 2020 में दर्ज किया गया था. वहीं हाईकोर्ट ने सपा नेता के मामले में जांच अधिकारी पर भी नाराजगी जताई. कोर्ट ने बांदा कोतवाली के सब इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव गोस्वामी द्वारा तथ्यों को छुपाकर गलत हलफनामा दाखिल किए जाने पर नाराजगी जताई है. इस संबंध में कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है.

 

अपने हलफनामे में हाईकोर्ट को बताया था कि बालकुमार पटेल के खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है, उसकी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है. बाद में एतराज होने पर बांदा के एसपी ने कोर्ट में बयान दिया कि बालकुमार पटेल शातिर अपराधी हैं और उसके खिलाफ 27 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

 

हालांकि दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की वजह से ही हाईकोर्ट ने बालकुमार पटेल को कोई राहत नहीं दी. हाईकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर के गलत हलफनामें को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने माना है कि अपराधी को मदद करने की नियत से झूठा हलफनामा दाखिल किया गया है. कोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और बांदा के एसपी को इस बारे में उचित कदम उठाए जाने का निर्देश दिया है.

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