सब्जी और राशन की मात्रा बताकर पाक को देता था जवानोें की खबर
नई दिल्ली, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा पोखरण से गिरफ्तार किए गए हबीबुर्रहमान जासूस ने पुलिस के समक्ष कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया है कि पाकिस्तान में बैठे आकाओं को वह उसके द्वारा सप्लाई की गई सब्जी और राशन की जानकारी देता था। इससे पाकिस्तान में बैठे दुश्मन अंदाजा लगाते थे कि उस समय बॉर्डर पर कितने जवानों की तैनाती है। प्रत्येक आर्डर की सप्लाई के बाद वह पाकिस्तान में बैठे आकाओं को सूचना देता था।
अपराध शाखा को पूछताछ के दौरान यह भी पता चला है कि बीते दो वर्ष से जासूसी कर रहे हबीबुर्रहमान ने अभी तक कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को भेजी हैं। वह जानकारी कभी व्हाट्सएप के जरिये तो कभी सीडी बनाकर भेज देता था। उसने पुलिस को बताया है कि अभी तक इस काम के लिए लाखों रुपये ले चुका था।
आगे उसने पुलिस को बताया है कि परमजीत को लालच देकर उसने अपने इस नेटवर्क में शामिल किया। जानकारी लेने के बाद वह उसे हवाला के जरिये पैसे देता था। पुलिस इससे जुड़े लिंक तलाश रही है।
पुलिस सूत्रों की माने तो जासूसी का यह नेटवर्क काफी बड़ा है। इस मामले में पुलिस परमजीत से भी पूछताछ कर रही है। उससे यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि अभी तक वह किस तरह की जानकारी साझा कर चुका था, अभी जो दस्तावेज आरोपित हबीबुर्रहमान से बरामद हुए हैं, वह बेहद ही सीक्रेट हैं। इस बात की पुष्टि अपराध शाखा द्वारा पूछे जाने पर खुद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने की है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारी हो सकती हैं।
ऐसे हुआ जासूस गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पोखरण से हबीबुर्रहमान नामक जासूस को गत बुधवार को ही गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि अपराध शाखा को इनपुट मिला था कि राजस्थान में रहने वाला हबीबुर्रहमान नामक व्यक्ति ‘आईएसआई’ के लिए जासूसी कर रहा है। इस जानकारी पर उन्होंने राजस्थान में छापा मारकर बुधवार को हबीबुर्रहमान को पकड़ लिया। उसके बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस को भारतीय सेना से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इनमें सेना के क्षेत्र का नक्शा भी शामिल था।
पुलिस टीम उसे पूछताछ के लिए दिल्ली ले आई थी। उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। प्राथमिक पूछताछ में उसने सेना कर्मचारी परमजीत द्वारा यह दस्तावेज दिए जाने की बात स्वीकार की। उसके बाद आरोपित ने परमजीत के आगरा में तैनाती होने का भी खुलासा किया थी। उसने यह भी बताया कि उसे यह दस्तावेज कमल नामक व्यक्ति को देने थे।