अमेरिका पर 9/11 जैसे हमले का खतरा:US के पूर्व NSA
जॉन बॉल्टन ने कहा- ISIS-K, अलकायदा समेत दूसरे आतंकी संगठन हमले की योजना बना रहे
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बॉल्टन ने अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान पर निशाना साधा। बॉल्टन ने एक इंटरव्यू में कहा कि तालिबान अभी भी एक आतंकवादी समूह है, भले ही वे अफगानिस्तान में सरकार को उखाड़ फेंकने में सफल रहे हों।
बॉल्टन ने कहा कि चीन और रूस तालिबान के लिए सरोगेट के रूप में काम कर रहे हैं। जबकि तालिबान सरकार को मान्यता देना अमेरिका की बड़ी गलती होगी। ISIS-K की धमकी पर बॉल्टन ने कहा कि वे तालिबान की तुलना में ज्यादा कठोर हैं। फिलहाल दोनों विरोधी हो सकते हैं, लेकिन आने वाले समय में इनके संबंधों में बदलाव संभव है।
अमेरिका और उसके सहयोगियों पर हमले की योजना बना रहे आतंकी
बॉल्टन ने कहा कि ISIS-K, अलकायदा समेत दूसरे ग्रुप अमेरिका और उसके सहयोगियों पर हमले की योजना बना रहे हैं, जोकि बहुत रियल है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बात से अनजान है कि अफगानिस्तान में कि किस ग्रुप को कहां पनाहगाह मिली हुई है। बोल्टन ने कहा कि अमेरिका पर 9/11 जैसा एक और हमला होने का जोखिम बहुत वास्तविक है। हजारों विदेशी लड़ाकों के अफगानिस्तान वापस आने की खबरें पहले ही आ चुकी हैं।
भारत की हथियार रणनीति में होना चाहिए बदलाव
बॉल्टन ने जोर देकर कहा कि भारत की हथियार रणनीति में बदलाव होना चाहिए। इसके लिए पूरी तरह से अमेरिका की जरूरत नहीं है। इसमें फ्रांस, ब्रिटेन और दूसरे देश भी अपनी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार हमेशा एक विवादास्पद मुद्दा है। जापान और यूरोपीय संघ के साथ भी ये मसले खड़े हैं, जिन पर बातचीत की आवश्यकता है।
ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने हमले को लेकर आगाह किया
ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI-5 के प्रमुख केन मैक्कलम ने कुछ दिनों पहले कहा था कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवादियों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि 9/11 जैसे आतंकी हमलों का डर बना हुआ है। इसलिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। मैक्कलम ने कहा कि आतंकवादियों के पुनर्गठित होने और अच्छी तरह से प्लान व ऊंचे दर्जे की साजिशों का हम सामना कर सकते हैं, जैसा हमने 9/11 या उसके बाद देखा।
चीनी सरकारी मीडिया के संपादक ने भी चेतावनी दी
चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिजिन ने 9/11 के आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर इसी तरह की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन को अपना दुश्मन मानकर भारी भूल कर रहा है। अमेरिका अगर अपना रवैया बदलता नहीं है तो आतंकी इसका फायदा उठा सकते हैं। भविष्य में 9/11 जैसा दूसरा आतंकी हमला फिर से दोहराया जा सकता है।
9/11 हमले में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए
अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को 20 साल पूरे हो गए हैं। 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने चार कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक किए। इनमें से दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिए गए। वहीं, तीसरा प्लेन पेंटागन पर क्रैश किया गया था। इस हमले में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। हमला अल-कायदा नाम के आतंकी संगठन ने किया था।