अमेरिका ने भारत को दिया खास तोहफा:बाइडेन ने मोदी को सौंपी 157 कलाकृतियां और पुरावशेष
ये दूसरी से लेकर 18वीं सदी तक पुरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की 4 दिन की यात्रा पूरी कर शनिवार देर शाम जॉन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री की रवानगी से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें खास तोहफा देकर विदा किया। बाइडेन ने मोदी को 157 कलाकृति और पुरावशेष सौंपे। ये दूसरी से लेकर 18वीं सदी तक पुराने हैं।
इन कलाकृतियों की वापसी पर प्रधानमंत्री मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन का शुक्रिया अदा किया। मोदी ने कहा कि कलाकृति और पुरावशेष किसी भी देश की अमूल्य धरोहर होती हैं। इनको सुरक्षित और संरक्षित रखना अपने सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा है। भारत और अमेरिका सांस्कृतिक विरासतों की चोरी, अवैध व्यापार और तस्करी से निपटने के अपने प्रयासों को आगे और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इन 157 कलाकृतियाें और पुरावशेष में 10वीं शताब्दी की बलुआ पत्थर से तैयार की गई डेढ़ मीटर की नक्काशी से लेकर 12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट कांसे की 8.5 सेंटीमीटर ऊंची नटराज की मूर्ति शामिल है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के मुताबिक, इनमें से अधिकतर वस्तुएं 11वीं से लेकर 14वीं शताब्दी की हैं। ये सभी ऐतिहासिक हैं। इनमें मानवरूपी तांबे की 2000 ईसा पूर्व वस्तु या दूसरी शताब्दी की टैराकोटा का फूलदान शामिल है।
लगभग 71 प्राचीन कलाकृतियां सांस्कृतिक हैं वहीं शेष छोटी मूर्तियां हैं जिनका संबंध हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से है। यह सभी धातु, पत्थर और टैराकोट से बनी हैं। कांसे की वस्तुओं में लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव-पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की भंगिमाएं शामिल हैं। कई अन्य कलाकृतियां भी शामिल हैं जिनमें कनकलामूर्ति, ब्राह्मी और नंदीकेसा शामिल है।
पीएमओ ने बताया कि यह देश की प्राचीन कलाकृतियों और पौराणिक वस्तुओं को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भारत वापस लाने का केंद्र सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
खबरें और भी हैं…