एंटनी ब्लिंकन 27 जुलाई को भारत आएंगे, एजेंडे में मानवाधिकार और पेगासस जासूसी केस शामिल

बाइडेन प्रशासन में विदेश मंत्री बनने के बाद एंटनी ब्लिंकन का यह पहला भारत दौरा है।

अमेरिका सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकन 27 जुलाई को भारत के दो-दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। वे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। इस मीटिंग में ब्लिंकेन भारत में मानवाधिकार और पेगासस जासूसी के मामलों को उठाएंगे। इसके साथ ही अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के परिणामों और टेरर फंडिंग के मामले में पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखने की जरूरत का मुद्ददा भी चर्चा का विषय रहेगा।

दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के असिसटेंट सेक्रेटरी डीन थॉम्पसन ने शुक्रवार को बताया कि मैं ये पुख्ता तौर पर कह सकता हूं कि हम इन मामलों को जरूर उठाएंगे। और हम इस चर्चा को जारी रखेंगे। खासतौर से पेगासस जासूसी मामले में सरकार की भूमिका को लेकर अमेरिका चिंतित है। यह ऐसी तकनीक के जरिए नागरिकों, सत्ता के आलोचकों और पत्रकारों की जासूसी कराने का मामला है, जो कानून के दायरे में नहीं आती।

ब्लिंकन का पहला भारत दौरा
अमेरिका का विदेश मंत्री बनने के बाद यह ब्लिंकन का पहला भारत दौरा होगा। वहीं जुलाई में सत्ता में आने के बाद बाइडेन प्रशासन के किसी उच्चाधिकारी की यह दूसरी विजिट होगी। सूत्रों के मुताबिक, ब्लिंकन के इस दौरे से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, डिजिटल डोमेन, इनोवेशन और सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों में आपसी सहयाेग और मजबूत होगा।

क्वाड इनिशिएटिव पर होगी बात
दोनों मंत्री कोरोना वैक्सीन के निमार्ण से संबंधित क्वाड इनिशिएटिव पर भी चर्चा करेंगे। इस साल के अंत तक क्वाड में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक का आयोजन करने को लेकर भी बात की जा सकती है। दोनों देश इस इनिशिएटिव को आगे बढ़ाएंगे जिससे अगले साल की शुरुआत से ही भारत में बनी वैक्सीन को इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में सप्लाई किया जा सके।

क्या है क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव
भारत ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाने का फैसला किया है। इस इनिशिएटिव को क्वाड नाम दिया गया है। इसके तहत वैक्सीन अमेरिका में डेवलप होंगी, भारत में मैन्युफैक्चर की जाएंगी, जापान और अमेरिका इसमें निवेश करेंगे और ऑस्ट्रेलिया इसमें लॉजिस्टिक्स सपोर्ट देगा।

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