शिमला MC की बैठक में हंगामा, सिमिट्री ढली टनल के निर्माण के लिए दी NOC

शिमला. हिमाचल प्रदेश में आठ जिलों में आचार संहिता के बीच नगर निगम शिमला की मासिक बैठक सम्पन्न हुई. मेयर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में मासिक बैठक शुरू होते ही पानी का मुद्दा सदन में गरमाया, जिसमें पार्षदों ने खूब हंगामा किया.

कांग्रेस पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने जल प्रबंधन निगम के अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चार दिनों से उनके वार्ड में पीने का पानी नहीं आया, लेकिन शिकायत करने के बाद भी पानी नहीं आया लेकिन जब इस संबंध में जल निगम के कार्यालय में गए तो जल निगम के एजीएम ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. जिसके बाद पार्षद ने निगम की मासिक बैठक यह मामला उठाया और अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की.

पार्षद ने बताया कि जल निगम कम्पनी गठित होने के बाद न तो अधिकारी पार्षदों का फ़ोन उठाते हैं और न ही उनकी समस्या का समाधान करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सीवरेज और पानी दे जुड़े टेंडर भी सही समय पर नहीं करते हैं. इस सम्बंध में मेयर सत्या कौंडल ने जांच के आदेश जारी किए हैं.उन्होंने कहा कि इस मामले को मुख्य सचिव के समक्ष उठाया जाएगा. उन्होंने पार्षदों के साथ होने वाले अभद्र व्यवहार को सहन नहीं किया जाएगा.इसके अलावा हर मासिक बैठक में जल निगम के अधिकारियों को बैठक में मौजूद रहने निर्देश भी दिए हैं.

समीट्री ढली सुरंग निर्माण के लिए एमसी ने दी पीडब्ल्यूडी विभाग को दी एनओसी

आचार संहिता के बीच हुई मासिक बैठक में शहर से जुड़े मूददों पर भी चर्चा हुई.जिसमें समीट्री -ढली सुरंग निर्माण के लिए एमसी ने पीडब्ल्यूडी को एनओसी प्रदान कर दी है.इसके अलावा सुरंग निर्माण के चलते चिल्ड्रन पार्क को भी शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. साथ ही फोरलेन ढली की जद में आ रहे प्राथमिक स्कूल की कक्षाएं सामुदायिक भवन में लगाने का भी निर्णय लिया गया. उधर, मासिक बैठक में एमसी कार्यालय में आउट सोर्स पर लगे कर्मचारियों के लिए कार्यालय के भीतर कैबिन बनाने पर भी मामला खूब गरमाया. पार्षद आरती चौहान ने सदन में मामला उठाते हुए अधिकारियों और आउट सोर्स कर्मचारियों पर सवाल उठाते हुए जनता के पैसों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया.उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए केबिन बनाकर फायदा पहुंचा रहे हैं लेकिन कुछ सीनियर कर्मचारियों को दरकिनार कर चहेतों को फायदा पहुंचा रहे हैं जिसकी जांच होनी चाहिए.

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