कोरोना से लड़ने पर यूपी आत्मनिर्भर
उत्तर प्रदेश सरकार ने आश्वस्त किया है कि कोरोना से निपटने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है जबकि यहां तैयार की गई दवाएं और चिकित्सीय उपकरण दूसरे राज्यों को भी भेजे जा रहें हैं।
कोरोना से निपटने में सक्षम बन चुके उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा, सैनिटाइजर और कोविड जांच के लिए प्रयोग होने वाले उपकरणों का उत्पादन किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन बनाने की इकाइयां भी दोगुनी हुई हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि कई देशों में कोविड 19 वायरस पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सकारात्मक असर देखने को मिला। कोरोना काल में इस दवा की मांग में तेजी से इजाफा हुआ। योगी सरकार ने अमरोहा में स्थापित फार्मा कंपनी को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाने की अनुमति दी जिससे जल्द ही प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध होने लगी। अब यूपी में तैयार दवा देश के दूसरे राज्यों के साथ ही विदेशों में भेजी जा रहीं हैं। इसके साथ ही रेमेडेसिविर व टॉसिलिजुम्ब इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में मुहैया कराया गया।
उन्होने बताया कि कोरोना काल से पहले प्रदेश भर में ऑक्सीजन बनाने की महज 23 इकाइयां थी इसे बढ़ाकर 40 तक पहुंचा दिया गया है इससे प्रतिदिन लगभग 33600 ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में सेंट्रल ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने से जंबों सिलेंडर की कभी कमी नहीं हुई।
दूसरे प्रदेशों में बढ़ते कोरोना के आंकड़ों के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ओर आला अधिकारियों को सर्तकता बरतने के आदेश दिए हैं तो वहीं प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखने के निर्देश भी दिए हैं। कोरोना से निपटने के लिए श्री योगी ने एक मजबूत रणनीति के तहत प्रदेश में काम किया। जिसके परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए आज प्रदेश में उचित संसाधन और समूचित व्यवस्था है। संसाधनों के मामले में अब उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर बन चुका है।
सरकार ने प्रदेश में जरूरत बढ़ने समय समय पर संसाधनों को जुटाने के संग उनको अपने प्रदेश में उत्पादित करने का फैसला लिया। प्रदेश में वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) ट्यूब निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया। कोरोना काल से पहले प्रदेश में वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) ट्यूब निर्माण की एक भी ईकाई नहीं थी जरूरत बढ़ने पर सरकार ने नोएडा, गाजियाबाद व लखनऊ में निर्माण ईकाई को वीटीएम ट्यूब बनाने के लिए लाइसेंस दिया। वीटीएम ट्यूब का प्रयोग कोविड की जांच के लिए किया जाता है। प्रदेश में अब चार इकाइयों को अनुमति दी गई है।
कोरोना काल के दौरान जांच, बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ अन्य संसाधनों को प्रदेश सरकार ने बढ़ाया। साल 2020 फरवरी तक प्रदेश में हैंड सैनिटाइजर बनाने की सिर्फ 86 इकाइयां थी, जो बढ़कर अब 151 हो गईं हैं। फरवरी से अब तक सैनिटाइजर की 65 नई इकाइयों को स्थापित किया जा चुका है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने ड्रग्स एक्ट के तहत दवाओं की बिक्री में मनमानी पर नौ मुकदमे दर्ज कर 23 लोगों को गिफ्तार कर 85 लाख 18 हजार 855 रुपए की सामग्री को सीज की गई। इसके अलावा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रदेश में मास्क हैंड सैनिटाइजर और ऑक्सीजन से संबधित अवैध कारोबार पर 15 मुकदमें दर्ज किए गए।