65 वीडियो और 3 किताबों में मिले विवादित कंटेंट, जल्द SIT दाखिल करेगी रिपोर्ट

IAS इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ 207 पन्नों की चार्जशीट तैयार

अपने सरकारी बंगले में धर्मांतरण और कट्‌टरता की पाठशाला चलाने वाले सीनियर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ जांच पूरी हो गई है। SIT ने 207 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें आईएएस के 65 वीडियो और 3 किताबों के आपत्तिजनक कंटेट को शामिल किया गया है। रिपोर्ट का एसआईटी की टीम ने रिव्यू भी पूरा कर लिया है। जल्द ही एसआईटी शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।

जांच के ये अहम सबूत मिले

65 वीडियो और 3 किताबों में आपत्तिजनक कंटेट मिलेसीवान के प्रिंटिंग प्रेस में छपी थीं धार्मिक किताबें20-22 पन्नों में अकेले अधिकारी के बयान

आईएएस की लिखी किताब में सबसे ज्यादा भड़काऊ और आपत्तिजनक शब्द।

जांच रिपोर्ट में SIT ने IAS को माना दोषी, अब शासन लेगा फैसला
राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के एमडी और सीनियर आईएएस इफ्तखारुद्दीन के करीब एक माह पहले वीडियो वायरल हुए थे। इसमें वह कानपुर कमिश्नर रहने के दौरान कमिश्नर कैंप ऑफिस में धार्मिक कट्‌टरता की पाठशाला चलाते हुए दिख रहे थे। मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए आईएएस पर जांच के लिए डीजी-सीबीसीआईडी जीएल मीणा की अध्यक्षता वाली एसआईटी गठित की थी।
जांच में धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने से लेकर 65 वीडियो और इफ्तखारुद्दीन की लिखी ”शुद्ध उपासना तथा नमन”, ”शुद्ध भक्ति” और ”शुद्ध धर्म” नाम की 3 किताबें सामने आई। इन किताब और वीडियो की जांच की तो सामने आया कि किताब में धर्मांतण के लिए प्रेरित करने से लेकर हिंदू धर्म को लेकर जहर उगला गया है। एसआईटी की टीम ने सभी वीडियो और किताबों की जांच करके आपत्तिजनक कंटेट की 207 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर ली है।
जांच रिपोर्ट का एसआईटी के अध्यक्ष जीएल मीणा और एसआईटी के सदस्य एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर ने रिव्यू भी कर लिया है। जांच में शामिल एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक इफ्तखारुद्दीन को जांच रिपोर्ट में दोषी पाया गया है। उन्होंने सरकारी आचरण सेवा नियमावली का उल्लंघन किया है। इसके साथ ही किताब में एक धर्म की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। जल्द ही शासन को पूरे मामले की रिपोर्ट भेजी जाएगी।

सीनियर आईएएस इफ्तखारुद्दीन और उनकी किताब।

सीवान के प्रिंटिंग प्रेस में छपी थी धार्मिक किताबें
सीनियर आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने तीन किताबें छपवाईं और उसे लोगों में बंटवाया था। तीनों किताबों में कई जगहों पर आपत्तिजनक कंटेंट लिखा गया है, जिसे एसआईटी ने अपनी जांच में शामिल किया है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि किसी पब्लिशर ने इन तीनों किताबों को नहीं छापा तो वरिष्ठ आईएएस ने सीवान की एक निजी प्रिंटिंग प्रेस का इस्तेमाल कर इन तीन किताबों को छपवाया। इसकी जानकारी खुद आईएएस ने एसआईटी को दी।

विवादित कंटेंट देख पब्लिशर्स पीछे हटे
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक अधिकारी से सवाल जवाब में यह भी पता चला कि कुछ पब्लिशर ने कंटेंट देखकर छापने से मना कर दिया था। एक-दो तैयार भी हुए तो अधिकारी ने शपथपत्र देने से मना कर दिया। उसके बाद उन्होंने निजी तौर पर एक प्रिंटिंग प्रेस का इस्तेमाल कर किताबों को छपवाया और लोगों में बंटवाया था।

20-22 पन्नों में अकेले अधिकारी के बयान
जांच टीम में शामिल एक सूत्र की मानें तो वीडियो से लाख गुना ज्यादा आपत्तिजनक कंटेट किताब में मिला है। एक्सपर्ट की मदद से तीनों किताबों से आपत्तिजनक शब्दों को छांटकर उनकी रिपोर्ट तैयार की गई है। जितना आपत्तिजनक कंटेंट किताब और वीडियो में मिला है। उससे ज्यादा पन्ने अधिकारी के बयान में लगे हैं। 20-22 पन्नों में अधिकारी के बयान दर्ज किए गए हैं।

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