यूपी के सिंचाई विभाग के अधिकारी के बिगड़े बोल, यात्रा भत्ता के लिए महिलाएं फाड़ती हैं ब्लाउज !
उत्तर प्रदेश(प्रतापगढ़): कहते हैं एक छोटी सी चिंगारी पूरे जंगल को जलाकर राख कर देती है । जिनको जंगल को बचाने की जिम्मेदारी हो अगर वही आग लगाने पर आ जाएं तो भला आपसे कौन बचा सकता है ।
सरकार नारी सुरक्षा के तमाम दावे करती है तमाम योजनाएं चलाती है ।नारी को महान बताते हुए नारी सशक्तिकरण का दम भरर्त है । लेकिन सरकार के कुछ कर्मचारी सरकार के इन दावों की हंसी उड़ाते हुए नजर आते हैं ।
मामला मुरादाबाद में सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारी का है जिसमें उसने अपने अधीनस्थ महिला कर्मी को प्रेम जाल में फसाने का हर संभव प्रयास किया यही नहीं महिला कर्मचारी को अश्लील व्हाट्सएप पर मैसेज भेजें ।जिसके बाद महिला कर्मचारी के एप्लीकेशन पर उस अधिकारी के खिलाफ ना सिर्फ एफआईआर दर्ज हुई बल्कि उसे निलंबित भी कर दिया गया ।
मुरादाबाद से चली आग बीते दिनों प्रतापगढ़ में देखने को मिली। जहां सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड 2 में तैनात राजेश कुमार ने अपने ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप में नारियों के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जो किसी भी नारी को नजरें उठाकर चलने लायक नहीं रखती है उन्होंने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा ( मैंने उस जमाने को भी देखा है जिसमें ऐसी महिलाएं हैं जो कि यह पास कराने के लिए एक्सईएन के ऑफिस में अपना ब्लाउज तक फाड़ देती हैं ) क्योंकि ग्रुप में बहुत सारे लोग जुड़े हुए थे इसलिए यह व्हाट्सएप सार्वजनिक और वायरल हो गया ।
लेकिन उनके खिलाफ किसी भी तरीके की कोई कार्यवाही नहीं हुई ।
यह वही राजेश कुमार सिंह है जिनके ऊपर पहले से भी बहुत सारे मामले दर्ज हैं। जिनमें भ्रष्टाचार से लेकर महिलाओं के साथ अभद्रता तक के मामले आते हैं लेकिन यह जनाब आंखों से आंखें मिलाकर लोगों के बीच बड़े अफसरों और नेताओं से अपने करीबी होने का किस्सा बड़ी शान से सुनाते हैं ।और शायद यही वजह है कि इतने सीरियस एलिवेशन के बावजूद अब तक यह अपने पद की रसमलाई खा रहे हैं ।
शिकायत के बाद इनकी जांच तो शुरू हुई लेकिन जांच के बारे में सही जानकारी कोई भी बता पाने में असमर्थ है जिससे भी बात करिए या तो वह खामोश हो जाता है या फिर रिपोर्ट सबमिट करने की बात करता है ।
यही नहीं सिंचाई विभाग के 2 बड़े अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि आखिर वह किन किन आरोपों की जानकारी अवगत कराएं यह तो ऐसे अधिकारी हैं ।जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के दर्जनों मामले चल रहे हैं और किन-किन में जांच की जाए ।
इनके के बारे में लिखते हुए मुख्य अभियंता और सांसद संजय खंडूजा कहते हैं । इनके ऊपर ड्रेनो की जिम्मेदारी है।वह किसी और से करा लिया जाए ताकि जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्य कराएं जाने की मांग कराई गई है उन कामों को पूरा कराया जा सके ।
हालांकि एक बात तो साफ है कि महीनों बीत जाने के बाद भी इनके ऊपर किसी भी तरीके की कोई कार्यवाही नहीं हुई है । जिससे ना सिर्फ यह मनोबल हुए हैं बल्कि इनका मनोबल इतना ऊपर है कि यह कि अपने उच्चाधिकारियों को भी कुछ नहीं समझते ।
आने वाले वक्त में एक बात साफ होगा योगी की सरकार ऐसे अधिकारी के खिलाफ कुछ कार्यवाही करती है या फिर एक बार फिर तमाम दावे साबित होते दिखाई देंगे ।