UP Election 2022: BJP ने नए मंत्रियों को लेकर की बड़ी प्लानिंग, 16 अगस्त से अभियान शुरु
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों की जन आशीर्वाद यात्रा (Jan Ashirwad Yatra) शुरू कर रही है. यूपी में यह यात्रा 16 अगस्त को शुरू होगी. दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के साथ हुई बैठक में शामिल यूपी बीजेपी के महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में यह यात्रा बीजेपी संगठन के सभी 6 क्षेत्रों के जिलों को कवर करेगी. इसमें स्थानीय विधायक और सांसद भी हिस्सा लेंगे.
गोविंद नारायण शुक्ला ने कहा कि उत्त प्रदेश में ये यात्रा 19 अगस्त तक चलेगी. सभी मंत्रियों का रूट तैयार कर दिया गया है. इसके लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन सुनील बंसल पहले ही मंथन कर चुके हैं.
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिहाज से केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में 7 मंत्रियों को शामिल किया गया, जिसमें बीजेपी कोटे से पंकज चौधरी, भानु प्रताप वर्मा, बीएल वर्मा, कौशल किशोर, एसपी सिंह बघेल और अजय मिश्र रहे. वहीं, अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया गया. सातों नए मंत्री का चयन करने में जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन बनाने का ख्याल रखा गया. जन आशीर्वाद यात्रा के तहत अब सातों मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में सीधे न जाकर जन आशीर्वाद यात्रा करते हुए क्षेत्र में पहुंचेंगे.
बीजेपी के संगठनात्मक क्षेत्रों में से एक गोरखपुर क्षेत्र से महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी को मंत्री बनाया गया. पूर्वांचल में पिछड़ों में कुर्मी समुदाय भी यादवों की तरह सियासी तौर पर काफी ताकतवर है, जिस पर सभी पार्टियों की नजर रहती है. पंकज चौधरी छह बार के सांसद हैं और पूर्वांचल के कुर्मी समाज के बीच उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है.
काशी क्षेत्र से अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह मिली. अनुप्रिया भी ओबीसी वर्ग के कुर्मी समुदाय से आती हैं. भाजपा ने अनुप्रिया को शामिल कर सहयोगी दलों के साथ-साथ यूपी के बड़े वोट वैंक को मजबूती के साथ जोड़े रखने का दांव चला है. मौजूदा समय में यूपी में कुर्मी समाज के बीजेपी के 6 सांसद और 26 विधायक हैं.
ब्रज क्षेत्र से दो मंत्री बनाए गए. इनमें आगरा के सांसद एसपी बघेल को मंत्रिमंडल में जगह मिली. ये अनुसूचित जाति से आते हैं. हालांकि, उन्हें पाल जाति से माना जाता है. बघेल समाज यूपी में अति पिछड़ी जाति में आती है, जिसका बृज के क्षेत्र में मजबूत सियासी आधार है. वे अपनी यात्रा से पाल और बघेल समुदाय को सियासी संदेश देने की कोशिश करेंगे.
पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में ओबीसी से आने वाले बदायूं के बीएल वर्मा को भी शामिल किया. बीएल वर्मा ओबीसी के लोधी समाज से आते हैं. यूपी में लोध समुदाय लगभग 3 फीसदी है, लेकिन जिन इलाके में है, वहां पर जीतने की ताकत रखता है. खासकर मुलायम सिंह की बेल्ट में लोध वोटर ही बीजेपी का सियासी आधार है. और इस यात्रा से उस समाज के लिए संदेश रहेगा. आशीर्वाद यात्रा बृज क्षेत्र से लेकर रुहेलखंड और बुलंदेखंड तक के लोधी समुदाय के लिए संदेश होगा जो बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं.
वहीं, अवध क्षेत्र में लखनऊ के मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर और लखीमपुर के सांसद अजय मिश्र को मंत्री बनाया गया. कौशल किशोर दलित वर्ग के पासी समुदाय से आते हैं, जो अवध और पूर्वांचल में सियासी तौर पर काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. दलितों में जाटव-चमार के बाद सबसे बड़ी आबादी पासी समुदाय की है.
लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली, अमेठी, कौशांबी बहराइच, उन्नाव में पासी वोटर निर्णायक भूमिका में है. यूपी की सियासत में ब्राह्मण वोटर भी काफी निर्णायक है, जिसे देखते हुए लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्र को मंत्री भी बनाया गया और आशीर्वाद यात्रा में ब्राह्मणों के लिए संदेश देते हुए लखनऊ से लखीमपुर तक जाएंगे.
मोदी कैबिनेट में दलित समुदाय से आने वाले भानु प्रताप वर्मा कानपुर क्षेत्र से हैं. ये जालौन जैसे पिछड़े जिले से आते हैं और 30 साल से बुंदेलखंड में बीजेपी का झंडा बुलंद किए हैं. भानु प्रताप वर्मा जालौन से पांच बार के सांसद हैं. भानु प्रताप वर्मा बीजेपी के अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और वे दलितों में कोरी समाज से आते हैं. यूपी में बुंदेलखंड और कानपुर के बेल्ट में कोरी समुदाय काफी अहम भूमिका में है. ऐसे आशीर्वाद यात्रा से क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को दुरुस्त करना बीजेपी का लक्ष्य है.