One Rank One Pension: समझें इसका महत्व और लाभ

One Rank One Pension (OROP) एक ऐसा सरकारी योजना है, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के पेंशनधारकों के लिए लागू किया गया है।

One Rank One Pension (OROP) का परिचय

One Rank One Pension (OROP) एक ऐसा सरकारी योजना है, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के पेंशनधारकों के लिए लागू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य है कि जो भी सैनिक सेवा निवृत्त हों, उन्हें उनकी रैंक के अनुसार समान पेंशन मिले, चाहे उन्होंने सेवा के दौरान किसी भी समय में सेवानिवृत्त क्यों न किया हो। यानी, एक ही रैंक के सभी सैनिकों को समान पेंशन मिलनी चाहिए, चाहे वे अलग-अलग समय पर सेवानिवृत्त हुए हों।

OROP का उद्देश्य और लाभ

OROP का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों को समान पेंशन देने के साथ-साथ उनकी सेवा के बाद सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इससे उन सैनिकों को न्याय मिलने की उम्मीद है, जो अपनी सेवाओं के दौरान विभिन्न समय में सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी पेंशन में अंतर था।

OROP के लाभों में प्रमुख हैं:

  1. समान पेंशन: अब एक ही रैंक वाले सभी सैनिकों को समान पेंशन मिलेगी, जो सेवा के दौरान किसी भी समय सेवानिवृत्त हुए हों।
  2. पेंशन में वृद्धि: OROP के लागू होने के बाद, सेवानिवृत्त सैनिकों को पहले से अधिक पेंशन मिलेगी, जिससे उनकी जीवन-यापन की स्थिति बेहतर होगी।
  3. राजनीतिक और सामाजिक पहचान: यह निर्णय भारतीय सेना और अन्य सशस्त्र बलों के कर्मियों की दीर्घकालिक सेवा और बलिदान के प्रति सम्मान की भावना को प्रकट करता है।

OROP का इतिहास और विकास

OROP की मांग सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों द्वारा दशकों से की जा रही थी, लेकिन यह मुद्दा 2014 में प्रमुख रूप से सामने आया। भारतीय सैनिकों ने यह मुद्दा उठाया था कि वे जब सेवानिवृत्त होते हैं, तो उनकी पेंशन में समय के साथ कमी आ जाती है, जबकि अन्य सरकारी कर्मचारी जो समान रैंक पर काम कर रहे होते हैं, उन्हें समान पेंशन मिलती है। इसके बाद, भारतीय सरकार ने 2015 में OROP योजना को लागू किया, जिससे लाखों सैनिकों को लाभ हुआ।

सरकार की पहल और कदम

भारत सरकार ने 2015 में OROP को मंजूरी दी और इसे लागू करने के लिए एक नियमावली तैयार की। इसके तहत, जो भी सैनिक 1 जुलाई 2014 तक सेवानिवृत्त हुए थे, उन्हें उनके रैंक के आधार पर समान पेंशन मिलने लगी। इसके अतिरिक्त, सरकार ने इस योजना को समय-समय पर संशोधित किया और इससे संबंधित धनराशि बढ़ाई, ताकि इसके दायरे में और अधिक सैनिक आ सकें।

संतुष्टि और चुनौतियाँ

OROP की घोषणा के बाद कई पूर्व सैनिकों ने इसका स्वागत किया, लेकिन कुछ मुद्दे अब भी सामने आए हैं। एक प्रमुख चुनौती यह है कि पेंशन में होने वाली बढ़ोतरी के बावजूद, कुछ सैनिकों का मानना है कि उन्हें अभी भी पूरी तरह से न्याय नहीं मिला है। इसके अलावा, OROP के वित्तीय बोझ को लेकर भी कुछ चिंताएँ हैं, लेकिन सरकार ने इसे लागू करने की दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाए हैं।

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One Rank One Pension (OROP) भारतीय सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनकी लंबी और संघर्षपूर्ण सेवा के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि इस योजना के कार्यान्वयन में कुछ समस्याएँ और चुनौतियाँ हो सकती हैं, फिर भी यह कदम भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और सम्मान को दर्शाता है। OROP से लाखों सैनिकों को लाभ हुआ है और यह योजना उनके लिए स्थिरता और सम्मान का प्रतीक बन चुकी है।

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