चुनाव में चाचा-भतीजे की जोड़ी दिखाएगी कमाल, 16 को शिवपाल सिंह यादव ने बुलाई बैठक
चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव करेंगे गठबंधन
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के करीब आते ही सभी पार्टी के नेताओं की धड़कनें तेज हो गईं हैं। यूपी की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियां लगातार अपनी पार्टी का प्रचार-प्रसार करने में जुटी हुई हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए लगातार छोटे-छोटे दलों से गठबंधन कर रहे हैं
सपा –रालोद का गठबंधन
हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मेरठ में शानदार रैली कर रालोद के साथ गठबंधन किया था। अब अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने हाथ मिला लिया है। उसके बाद पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटे भी बसपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया है।
जानकारी के मुताबिक बीजेपी और सपा इन दिनों छोटे छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव में कूद रहे हैं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने 16 दिसंबर को जिला अध्यक्षों, नगर अध्यक्षों के साथ ही मंडल प्रभारियों की एक अति महत्त्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें सपा के साथ गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं।
इस दिन होगी महत्वपूर्ण बैठक
राजधानी लखनऊ की सभी 9 सीटों पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने दावेदारी करने वालों से आवेदन मांगा है। प्रसपा ने प्रदेश कार्यालय में 15 और 16 दिसंबर को एक जरुरी बैठक बुलाई है, इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव भविष्य की रणनीति पर पार्टी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। बैठक में पहले दिन यानी 15 दिसंबर को मंडल और सह मंडल प्रभारी बैठक करेंगे, दूसरे दिन 16 दिसंबर को नगर अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, प्रमुख महासचिव, सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, और कार्यकारिणी के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।
गठबंधन को लेकर होगी बातचीत
पिछले काफी समय से प्रसपा और सपा में गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है, इसकी वजह से कई जिलों में नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका है। पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने चुनाव को लेकर संगठन की तैयारियों को लेकर ये बैठक बुलाई है। इसमें पार्टी अध्यक्ष चुनावी तैयारियों को लेकर दिशा निर्देश भी जारी करेंगे।
अखिलेश भी चाचा के साथ करना चाहते हैं गठबंधन
अखिलेश यादव सत्ता में वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से अखिलेश के सुरों में चाचा शिवपाल को लेकर काफी नरमी देखने को मिल रही हैं। उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच से कहा भी है कि चाचा का पूरा सम्मान होगा, राजनीतिक लड़ाई में चाचा हमारे साथ रहेंगे। इतना ही नहीं अखिलेश शिवपाल के करीबी और मजबूत नेताओं को भी अपनी पार्टी में रखने का आश्वासन दे रहे थे।
शिवपाल यादव भी सपा के साथ गठबंधन से आगे बढ़कर विलय तक की बात करने लगे थे। शिवपाल ने मुलायम के जन्मदिन पर सैफई के दंगल कार्यक्रम में अखिलेश से गठबंधन की शर्त में पहली बार सीटों को लेकर सार्वजनिक रूप से पहली बार 100 सीटों की डिमांड की है।दरअसल, सपा से गठबंधन या विलय की स्थिति में शिवपाल करीब 100 सीटें चाहते हैं, जिसके लिए अखिलेश यादव बिलकुल तैयार नहीं हैं। इसके अलावा शिवपाल अपने जिन करीबी नेताओं को टिकट के लिए पैरवी कर रहे हैं, उनमें ज्यादातर अखिलेश के विरोधी हैं। ऐसे में इन दोनों ही शर्तों पर अखिलेश तैयार नहीं हैं।