अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव के साथ किया गठबंधन, सोशल मीडिया पर दी जानकारी
चाचा-भतीजा आए साथ, अखिलेश यादव ने ट्वीट कर गठबंधन की दी जानकारी
लखनऊ: विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक बार फिर पार्टियों के बीच राजनीतिक सियासत तेज हो गई हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव सत्ता में आने के लिए एक एडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. इन दिनों अखिलेश यादव छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन करने के साथ विजय रथ यात्रा भी निकाल रहे हैं. बता दें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मेरठ में जनसभा को संबोधित करते हुए सपा और आरजेडी के गठबंधन का ऐलान किया था. इस बार यूपी इलेक्शन में अखिलेश व जयंत चौधरी साथ में लड़ेंगे.
चाचा-भतीजे की जोड़ी एक बार फिर दिखाएगी कमाल
समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है. सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी है. बबुआ चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे थे.
जिसके बाद सपा प्रमुख ने ट्विटर पर लिखा, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की तरफ निरंतर बढ़ रही हैं.
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
2017 के चुनाव के बाद टुकड़ों में बंट गया था परिवार
जानकारी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव जिस परिवार को पिछले कई दशक से एक साथ लेकर चल रहे थे, वहीँ परिवार 2017 के चुनाव के बाद दो टुकड़ों में बंट गया था. इसकी शुरूआत 2016 में ही हो गई थी. मुलायम के परिवार की यह लड़ाई इस स्तर तक पहुंच गई कि अखिलेश ने चाचा शिवपाल को मंत्री पद से बर्खास्त तक दिया था. भतीजे ने चाचा को ही पार्टी से ही बाहर कर दिया. थोड़े दिन के लिए यह लड़ाई थम गई, लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाकर अलग मंजिल बना ली थीं.
प्रसपा नेता शिवपाल अभी सपा पार्टी के विधायक हैं. उनकी पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हर जगह हार गई थी. इस हार में उन्हें अपना भविष्य नजर आने लगा था. उन्होंने 12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा शुरू की. इसका मकसद सत्ता परिवर्तन बताया गया था. इस दौरान सत्ता परिवर्तन का तो पता नहीं शिवपाल सिंह यादव का दिल परिवर्तन जरुर हो गया हैं. सपा से गठबंधन की पेशकश पर आज मुहर लगा दी हैं. फिर सपा में अपनी पार्टी के विलय की बात शुरू कर दी. आखिरकार चाचा और भतीजे यूपी चुनाव से पहले साथ जो आ गए हैं. ऐसे में एक बार यूपी की चुनावी सियासत में फिर से भूचाल आएगा.