UN General असेंबली ने कोर्ट से पूछा कि Israel को Gaza में क्या मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए
Gaza में लंबे समय से चल रहे संघर्ष और नाकेबंदी के कारण वहाँ के नागरिकों को गंभीर मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। पानी, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा सुविधाएं जैसे बुनियादी आवश्यकताएँ सीमित हैं
20 दिसंबर 2024 को यूएन जनरल असेंबली ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च न्यायालय से यह सलाह दी गई कि इज़राइल को Gaza और पश्चिमी तट में फिलिस्तीनी नागरिकों की जीवित रहने के लिए आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करने की क्या जिम्मेदारी है। यह प्रस्ताव नॉर्वे द्वारा प्रायोजित था और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से एक सलाहकार राय की मांग करता है। प्रस्ताव को 137 देशों ने समर्थन दिया, 12 देशों ने विरोध किया, और 22 देशों ने वोटिंग में भाग नहीं लिया।
रिज़ॉल्यूशन का समर्थन और विरोध
यह रिज़ॉल्यूशन एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर केंद्रित है, जिसमें Gaza और पश्चिमी तट में फिलिस्तीनी नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए इज़राइल की जिम्मेदारियों को लेकर कानूनी स्पष्टता मांगी गई है। 137 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जो एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन को दर्शाता है। इसके बावजूद, 12 देशों ने इसका विरोध किया, जिनमें इज़राइल का करीबी सहयोगी, संयुक्त राज्य अमेरिका, भी शामिल था। इस प्रस्ताव पर 22 देशों ने मतदान से दूरी बनाए रखी, जो इस मामले पर विभाजन को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की सलाह
इस प्रस्ताव में यूएन जनरल असेंबली ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से यह अनुरोध किया कि वह इज़राइल की कानूनी जिम्मेदारियों के बारे में सलाह दे, विशेष रूप से Gaza और पश्चिमी तट में फिलिस्तीनी नागरिकों को मानवीय सहायता देने की। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से यह सलाहकार राय न केवल इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष के प्रभावों को संबोधित करेगी, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संकट के समाधान में मार्गदर्शन भी प्रदान करेगी।
संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल का विरोध
संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इज़राइल का प्रमुख सहयोगी है, ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। अमेरिका का तर्क था कि यह प्रस्ताव इज़राइल की संप्रभुता और आत्मरक्षा के अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है और इससे स्थिति और अधिक जटिल हो सकती है। इस कदम ने यह स्पष्ट कर दिया कि यूएन के प्रस्तावों पर अमेरिका का दृष्टिकोण इज़राइल के हितों के अनुकूल है। इज़राइल ने भी इस प्रस्ताव को अस्वीकार किया और इसे एक पक्षपाती कदम बताया, जो फिलिस्तीनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप को बढ़ावा देता है।
Gaza में मानवीय संकट
Gaza में लंबे समय से चल रहे संघर्ष और नाकेबंदी के कारण वहाँ के नागरिकों को गंभीर मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। पानी, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा सुविधाएं जैसे बुनियादी आवश्यकताएँ सीमित हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने गाजा में नागरिकों की स्थिति पर चिंता जताई है और इज़राइल से इस संकट को हल करने के लिए कार्रवाई करने की अपील की है।
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यूएन जनरल असेंबली का यह निर्णय इज़राइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों के बीच चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की सलाह का उद्देश्य इज़राइल की जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्टता प्रदान करना है, जिससे Gaza और पश्चिमी तट में मानवीय सहायता की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। हालांकि, इस प्रस्ताव के समर्थन और विरोध में वैश्विक विभाजन यह दर्शाता है कि इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर मतभेद गहरे हैं।