आज का इतिहास:4 आतंकियों ने उरी में सेना के हेडक्वार्टर पर किया था हमला,

10 दिन बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर लिया बदला

तारीख- 18 सितंबर 2016। जगह- जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना का ब्रिगेड हेडक्वार्टर। समय- सुबह के साढ़े 5 बजे। भारतीय सेना के इस कैंप में 4 आतंकवादी LoC पार कर घुसे और हमला कर दिया। 3 मिनट के भीतर ही आतंकियों ने 15 से ज्यादा ग्रेनेड कैंप पर फेंके। इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए। कई घायल हुए। सेना के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए आतंकियों पर फायरिंग की। सेना की जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकी मारे गए।

ये पिछले 20 साल में सेना पर हुआ सबसे बड़ा हमला था। पूरे देश में इस हमले के खिलाफ गुस्सा था। भारतीय सेना ने इस हमले का जवाब देने के लिए 28-29 सितंबर की रात PoK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी। 150 कमांडो को हेलिकॉप्टर के जरिए LoC के पार एयरड्रॉप किया गया। उन्होंने वहां भिंबर, केल, तत्तापानी और लीपा इलाकों में आतंकियों के कई लॉन्च पैड्स उड़ा दिए। पूरा हमला इतनी प्लानिंग के साथ किया गया कि पाकिस्तानी सेना को इसकी भनक तक नहीं लगी। रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने पूरी मुस्तैदी से इस मिशन में आतंकवादियों की हर हरकत पर नजर रखी थी। तड़के तक ऑपरेशन पूरा कर भारतीय सेना वापस लौट आई। इस हमले में 38 आतंकी मारे गए।

2019 में ‘उरी द सर्जिकल स्ट्राइक’ नाम से फिल्म भी रिलीज हुई थी।

1851: न्यूयॉर्क टाइम्स की शुरुआत

द न्यूयॉर्क टाइम्स की शुरुआत 18 सितंबर 1851 को हुई। पत्रकार और नेता हेनरी जार्विस रेमंड और पूर्व बैंकर जॉर्ज जोन्स ने इसकी शुरुआत की। टाइम्स को पहले रेमंड, जोन्स एंड कंपनी प्रकाशित करती थी। पेपर ने खुद को बौद्धिक पाठकों का बताते हुए खुद को आम लोगों से दूर रखा। कहा जाता है कि इसी वजह से पेपर की बिक्री कम होती थी और इसे बेचना पड़ा। 1896 में जब पेपर को एडॉल्फ साइमन ने खरीदा, तब पेपर को हर हफ्ते एक हजार डॉलर का नुकसान हो रहा था। एडॉल्फ ने पेपर की संपादकीय नीति में बदलाव किया, कवरेज को बेहतर किया, संडे मैगजीन की शुरुआत की और पेपर की कीमत भी कम की।

पेंटागन पेपर्स की रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के लिए अमेरिकी सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई थी। कोर्ट ने प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए फैसला अखबार के पक्ष में सुनाया था।

टाइटैनिक के डूबने के बाद पेपर ने इसके हर पहलू पर बढ़िया रिपोर्टिंग की। कहा जाता है कि यहीं से पेपर की प्रतिष्ठा आम लोगों में बढ़ने लगी। पहले और दूसरे विश्वयुद्ध में अपनी रिपोर्टिंग के जरिए पेपर इंटरनेशनल लेवल पर छा गया। 1971 में टाइम्स ने ही पेंटागन पेपर्स को छापना शुरू किया, जिसे दुनियाभर में खोजी पत्रकारिता का नमूना माना जाता है।

1998: इंटरनेट पर साइट्स को पहचान देने वाली संस्था ICANN बनी

ICANN यानी इंटरनेट कॉर्पोरेशन फॉर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स वह संस्था है जो इंटरनेट प्रोटोकॉल या डोमेन नेम सिस्टम (डीएनएस) को कोऑर्डिनेट करती है। यह 1998 में आज ही के दिन बनी थी। इंटरनेट पर यदि आपको कोई साइट खोलनी है या किसी को मैसेज करना है तो आपको उसका पता चाहिए होता है, उसी पते को कोऑर्डिनेट करने वाली संस्था है ICANN और इसे इंटरनेट की फोनबुक भी कहते हैं।

शुरुआत में यह संस्था अमेरिकी सरकार का हिस्सा थी। बाद में इसे अलग एनजीओ में बदल दिया गया, लेकिन यह समझना जरूरी है कि इंटरनेट पर किसी एक व्यक्ति, संगठन या सरकार का नियंत्रण नहीं है। आईसीएएनएन कम्युनिटी ग्लोबल लेवल पर इंटरनेट से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को मैनेज करती है। इस कम्युनिटी में सरकारों, रजिस्ट्री, रजिस्ट्रार, कॉमर्शियल यूजर्स, नॉन-कॉमर्शियल यूजर्स और व्यक्तिगत इंटरनेट यूजर्स के प्रतिनिधि शामिल हैं।

18 सितंबर के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

2019: भारत सरकार ने ई-सिगरेट्स के प्रोडक्शन, इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, सेल और स्टोरेज पर प्रतिबंध लगाया।

2006ः रूसी रॉकेट सोयूज अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुआ।

2004: भारत ने कहा कि अमेरिका ने भारत पर कॉमर्शियल स्पेस प्रोग्राम और न्यूक्लियर पावर फैसिलिटी पर लगी एक्सपोर्ट पाबंदी हटा ली है।

2003ः ढाका-अगरतला बस सेवा शुरू।

2002: गैंगस्टर अबू सलेम को पुर्तगाल में गिरफ्तार किया गया। सलेम पर देश में कई हत्याओं, एक्सटॉर्शन के केस दर्ज थे।

1997ः ओजोन परत की रक्षा के लिए 100 देशों ने 2015 तक मिथाइल ब्रोमाइड का उत्पादन बन्द करने का फैसला किया।

1988ः बर्मा ने अपना संविधान रद्द किया।

1987ः अमेरिका और सोवियत संघ ने मध्यम दूरी की मिसाइल हटाने के लिए हस्ताक्षर किए।

1967ः नगालैंड ने अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया।

1922ः हंगरी लीग ऑफ नेशंस में शामिल हुआ।

1803ः अंग्रेजों ने ओडिशा के पुरी पर कब्जा किया।

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