Uddhav Thackeray के बदल गए सुर, हरियाणा का महाराष्ट्र तक असर!
Uddhav Thackeray ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि वे महाराष्ट्र को 'बचाने' के लिए सहयोगी कांग्रेस या एनसीपी द्वारा घोषित किसी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
Uddhav Thackeray मुंबई। हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शानदार जीत की खबरें महाराष्ट्र की राजनीति पर भी असर डाल रही हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। इस स्थिति ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख Uddhav Thackeray के सुरों में बदलाव ला दिया है।
Uddhav Thackeray का नया रुख: Uddhav Thackeray ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि वे महाराष्ट्र को ‘बचाने’ के लिए सहयोगी कांग्रेस या एनसीपी द्वारा घोषित किसी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है, क्योंकि इसका मतलब है कि वे अपने राजनीतिक गठबंधन को मजबूत करने के लिए तैयार हैं।
सरकार पर आरोप: उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले विज्ञापनों के माध्यम से फर्जी बयानबाजी कर रही है। उनका मानना है कि यह लोगों को गुमराह करने की कोशिश है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
लाडकी बहन योजना पर कटाक्ष: महायुति सरकार की लाडकी बहन योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपये देने के फैसले पर ठाकरे ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि यह सरकार लोगों को उनका ही पैसा देकर “महाराष्ट्र धर्म” से विश्वासघात करने का प्रयास कर रही है। यह बयान यह दर्शाता है कि उद्धव अपने राजनीतिक विपक्षियों को कमजोर करने के लिए सक्रिय हैं।
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भविष्य की रणनीति: 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव अगले महीने होने की संभावना है। Uddhav Thackeray ने पहले अगस्त में भी इस बात पर जोर दिया था कि एमवीए (महाविकास अघाड़ी) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चुनाव पहले किया जाए। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी उम्मीदवार का समर्थन उस व्यक्ति द्वारा किया जाए, जो सर्वाधिक सीटें जीतता है।
कांग्रेस और एनसीपी के साथ तालमेल: उद्धव का यह नया रुख उनके गठबंधन सहयोगियों के साथ तालमेल बढ़ाने का प्रयास है। महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण बदलते रहते हैं, और उद्धव ने अपने साथी दलों के साथ एकजुटता दिखाने का फैसला किया है।
संभावित चुनावी परिणाम: हरियाणा चुनावों में भाजपा की सफलता के चलते उद्धव ठाकरे की यह नई रणनीति महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। अगर वह अपने सहयोगियों के साथ एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं, तो उनकी संभावनाएँ मजबूत हो सकती हैं।
इस प्रकार, हरियाणा के चुनावी नतीजे केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। आगामी विधानसभा चुनावों में Uddhav Thackeray और उनके सहयोगियों की रणनीतियों पर सभी की नजरें होंगी।