U.P. हरदोई में पराली जलाने को लेकर अब तक 100 से अधिक किसानों के खिलाफ FIR दर्ज, किसान नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी
हरदोई में लगातार किसानों के ऊपर पराली जलाए जाने को लेकर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। जिले में अब तक सौ से अधिक किसानों पर पराली जलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। वहीं भारतीय किसान यूनियन किसानों पर दर्ज हो रहे मुकदमे को लेकर नाराज हैं। किसान यूनियन का कहना है अगर किसानों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो एक आंदोलन किया जाएगा। इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार किसानों से पराली न जलाए जाने का अनुरोध किया जा रहा है ।
जिले में लगातार पराली जलाए जाने की घटनाएं सामने आ रही जिसको लेकर लगातार किदानों पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। जिले में लगातार दर्ज हो रही एफआईआर में अब तक सौ से अधिक किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए है।अगर बात करें पिछले 36 घण्टे की तो हरदोई, मल्लावां और सवायजपुर में ही 59 किसानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। मल्लावां में बेरिया नजीरपुर के मजरा करियनपुरवा निवासी शिवकुमार, अनिल कुमार , हाकिम सिंह, रामबिलास, बनवारी, जमुना प्रसाद, शिवसहाय, नन्ही देवी, कृष्णा देवी, कमलेश्वरी, शाहपुर पवार के मजरा बीचपुरवा निवासी रामप्रसाद, मोहनलाल, रामऔतार, शाहपुर पवार निवासी सुशीला देवी पर एफआईआर दर्ज की गई हैं।
एसडीएम सवायजपुर दीपक वर्मा ने बताया कि क्षेत्र के गांव निकारी, ढिघासर, महितापुर में एक दर्जन स्थानों पर धान की पराली जलती मिली। पराली जलाने से रोकने के लिए गठित टीम में शामिल दो लेखपालों लवकुश और गौरव यादव को लापरवाही पर विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।राजस्व निरीक्षक राजेंद्र त्रिवेदी का एक दिन का वेतन काटने की संस्तुति की गई है। संबंधित ग्राम सचिव के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को और सिपाहियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए सीओ हरपालपुर को लिखा गया है। जिन खेतों में पराली जलती मिली है, उन्हें चिह्नित कर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।वहीं इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार किसानों से पराली न जलाए जाने का अनुरोध किया जा रहा है इसको लेकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है और ना मानने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।सिटी मजिस्ट्रेट ने कहाकि इसके साथ ही पराली जलाने की घटनाओं को न रोक पाने में प्रचार प्रसार में लापरवाही बरतने वाले लेखपालों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है।