महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद मेरठ में मिले ब्लैक फंगस से पीड़ित दो कोविड मरीज
मेरठ. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बीच नए रोग ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी म्यूकोरमायकॉसिस अब लोगों की जान का दुश्मन बन गया है. महराष्ट्र और दिल्ली के बाद मेरठ (Meerut) में ब्लैक फंगस से पीड़ित दो कोविड मरीज़ मिले हैं. दोनों मरीज मुज़फ्फरनगर और बिजनौर के रहने वाले हैं. दोनों मरीजों का इलाज मेरठ के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. निजी अस्पताल के डॉक्टर संदीप गर्ग ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि मरीज स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
गौरतलब है कि संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले दिखने को मिल रहे हैं, जो जानलेवा है. डॉक्टरों के मुताबिक इससे संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है. अब इसका मेरठ में मिलना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है.
क्या है ब्लैक फंगस
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी विभाग के प्रमुख डॉ सूर्यकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद पहले नौ दिन बहुत अहम हैं. संक्रमण के साथ अगर मरीज में ब्लैक फंगस की शिकायत हुई तो उसकी जान पर खतरा बढ़ सकता है. यह फंगस त्वचाके साथ नाक, फेफड़ों और मस्तिष्क तक को नुकसान पहुंचा सकता है. डॉ सूर्यकांत ने बताया कि ब्लैक फंगस पहले से ही हवा और जमीन में मौजूद है. जैसे ही कोई कमजोर इम्युनिटी वाला व्यक्ति इसके संपर्क में आता है, तो उसके चपेट में आने की संभावना ज्यादा रहती है. डॉ सूर्यकांत के मुताबिक जो मरीज जितने लंबे समय तक अस्पताल में रहेगा उसमें खतरा ज्यादा रहेगा. उन्होंने बताया कि फंगस पहले नाक से शरीर में प्रवेश करता है और फिर फेफड़ों से रक्त के साथ मस्तिष्क में पहुंच जाता है. संक्रमण जितना ज्यादा होगा, लक्षण भी उतना ही गंभीर होगा.