ट्विटर इंडिया के पूर्व MD को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस:कोर्ट ने 4 हफ्ते में मांगा जवाब,
विवादित वीडियो के मामले में UP पुलिस ने दाखिल की थी अर्जी
ट्विटर इंडिया के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। एक विवादित वीडियो से जुड़े मामले में उन्हें गाजियाबाद की लोनी बॉर्डर पुलिस ने नोटिस जारी किया था, जिसे कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन अब पुलिस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया है।
CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- मामला UP का होते हुए भी कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश कर दिया। इस पर गौर करने की जरूरत है। इस तथ्य को भी अनदेखा नहीं कर सकते हैं कि समन क्यों जारी किया गया था। यह 41A नोटिस था, इसलिए गिरफ्तारी का कोई सवाल ही नहीं है।
क्या था पूरा मामला?
मामला जून महीने में गाजियाबाद जिले में बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई केस से जुड़ा है। ट्विटर से पिटाई का भ्रामक वीडियो न हटाने पर मनीष माहेश्वरी पर गाजियाबाद में केस दर्ज किया गया था। मनीष इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट में गई थी।
गाजियाबाद में पांच जून को अब्दुल समद की दाढ़ी काट दी गई थी। इसका एक वीडियो वायरल हुआ था।
ट्विटर ने कर दिया था मनीष का ट्रांसफर
मनीष माहेश्वरी के ट्विटर इंडिया के MD रहते हुए ट्विटर कई विवादों में घिर गई थी। इसके चलते दो महीने पहले कंपनी ने उन्हें पद से हटा दिया था। उन्हें सीनियर डायरेक्टर बनाकर अमेरिका भेजा गया। वे नए मार्केट में रेवेन्यू, स्ट्रैटजी एंड ऑपरेशंस का काम देख रहे हैं।
एक के बाद एक ट्विटर पर दर्ज होते गए केस
1. देश का गलत झंडा दिखाने पर बुलंदशहर में मामला दर्ज किया गया। 2. इसी मामले में मध्य प्रदेश की साइबर सेल में केस दर्ज किया गया। 3. चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट के मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने केस दर्ज किया।
कानून मंत्री का अकाउंट ब्लॉक करने पर बवाल
25 जून को ट्विटर ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया था। इस एक्शन के पीछे ट्विटर ने अमेरिकी कॉपी राइट एक्ट का हवाला दिया था। बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए प्रसाद का हैंडल फिर से खोल दिया था। इस मुद्दे पर भारत सरकार और ट्विटर में टकराव सामने आया था।
IT कानून न मानने पर ट्विटर ने लीगल शील्ड खोई
ट्विटर ने नए IT कानूनों का पालन नहीं करने की वजह से थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए लीगल शील्ड खो दी थी। यानी भारत सरकार की तरफ से कंटेंट को लेकर किसी तरह की सुरक्षा मिलनी बंद हो गई थी। इसके बाद ट्विटर के ऊपर IPC की धाराओं के तहत कार्रवाई की तलवार लटक गई।
राहुल गांधी से जुड़ा विवाद भी शामिल
दिल्ली की रेप पीड़िता के परिवार की पहचान उजागर करने पर ट्विटर ने अगस्त में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का अकाउंट सस्पेंड कर दिया। बाद में इसे ब्लॉक कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने अपने 5 और सीनियर लीडर्स के ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किए जाने का दावा किया। इसके बाद से ट्विटर विपक्ष के निशाने पर है।
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